लश्कर आतंकी सैफुल्ला की मौत पर गरमाई सियासत: बृजलाल बोले – अखिलेश यादव माफी मांगें

इसी क्रम में बीजेपी सांसद और उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी बृजलाल ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव पर सीधा हमला बोला है। बृजलाल ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट करते हुए आरोप लगाया कि अखिलेश यादव ने सैफुल्ला के गुर्गों के खिलाफ दर्ज केस को सत्ता में आने के बाद वापस ले लिया था। उन्होंने कहा कि देश को नुकसान पहुंचाने वाले आतंकी के साथ इस तरह की नरमी अखिलेश यादव की मानसिकता को दर्शाती है।
बृजलाल ने लिखा, "लश्कर का सैफुल्ला जहन्नुम पहुंच गया। इसी ने आरएसएस मुख्यालय, इंडियन साइंस कांग्रेस और सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर रामपुर पर हमले की साजिश रची थी। इसके गुर्गों पर केस दर्ज था, जिसे अखिलेश यादव ने सत्ता में आने के बाद वापस ले लिया। अखिलेश जी, देश से माफी मांगिए।"
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यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, और इसके बाद राजनीतिक गलियारों में भी हलचल तेज हो गई।
कौन हैं बृजलाल?
बृजलाल 1977 बैच के आईपीएस अफसर रहे हैं। वह 2007 में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर और फिर मायावती सरकार में सितंबर 2011 में उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी बने। उस वक्त उन्हें दो वरिष्ठ अफसरों को दरकिनार कर पदोन्नत किया गया था। हालांकि, जनवरी 2012 में चुनाव आयोग ने उन्हें डीजीपी पद से हटा दिया क्योंकि विपक्ष ने उनके खिलाफ शिकायत की थी। चुनाव के बाद जब अखिलेश यादव की सरकार बनी तो उन्होंने बृजलाल को पुनः डीजीपी नहीं बनाया।
2015 में बृजलाल ने भारतीय जनता पार्टी जॉइन कर ली और 2018 में उन्हें योगी सरकार ने अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया। वह चार बार राष्ट्रपति पदक से सम्मानित हो चुके हैं और यूपी के सबसे ताकतवर दलित अफसरों में उनकी गिनती होती रही है।
अखिलेश यादव पर बृजलाल का सीधा वार
बृजलाल के इस पोस्ट के बाद एक बार फिर से अखिलेश यादव पर आतंकियों के प्रति कथित नरमी का मुद्दा गरमा गया है। बृजलाल का कहना है कि सैफुल्ला के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए थी, लेकिन समाजवादी पार्टी की सरकार ने उसके साथियों को छोड़ा, जो गंभीर मामला है।
इस पूरे विवाद ने उत्तर प्रदेश की सियासी जमीन को एक बार फिर गरमा दिया है, जहां पहले से ही बीजेपी और सपा के बीच जुबानी जंग चल रही थी। अब आतंकवाद और राष्ट्र सुरक्षा जैसे मुद्दों को भी इस सियासी लड़ाई में घसीटा जा रहा है।
अभी तक अखिलेश यादव की ओर से बृजलाल के आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन संभावना है कि आने वाले समय में इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी की ओर से सफाई या जवाब जरूर सामने आएगा।
लश्कर आतंकी की मौत ने एक तरफ सुरक्षा एजेंसियों को राहत दी है तो दूसरी तरफ यूपी की राजनीति को एक नया मुद्दा दे दिया है। बृजलाल के तीखे बयान और पुराने मामलों को उठाकर सियासी लाभ लेने की कोशिशें साफ नजर आ रही हैं। अब देखना यह होगा कि अखिलेश यादव इस आरोप का जवाब कैसे देते हैं और क्या यह मुद्दा आने वाले चुनावों में भी उठाया जाएगा या नहीं।