यूपी में इन जगहों तक पहुंचेगी रेल! काम होगा आसान
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प्रदेश को मिलेगा नया औद्योगिक कॉरिडोर
उत्तर प्रदेश राजधानी लखनऊ से महत्वपूर्ण खबर सामने आ रही है. राज्य सरकार ने गंगा एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड, आगरा और लखनऊ, पूर्वांचल और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक गलियारा विकसित करने की योजना के तहत अब 3,827 हेक्टेयर भूमि का अधिकरण प्रक्रिया कर लिया गया है. इस दौरान भूमि अधिकरण पर सरकार ने 5500 करोड रुपए से अत्यधिक राशि खर्च करने के लिए आवंटित की है. उसमें स्टांप और निबंधन शुल्क भी शामिल किया गया है इन औद्योगिक गलियारों में दवा, वेयरहाउस, आईटी, लॉजिस्टिक्स, खाद्य संस्करण, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे तमाम उद्योगों को बढ़ावा मिलने का बेहतर अवसर दिया जाएगा.
अब गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक गलियारे के लिए अभी तक 1882 करोड रुपए से अत्यधिक और 1,043 हेक्टेयर से अधिक भूमि का अधिग्रहण करवाया जा रहा है. अब एक्सप्रेसवे के किनारे कम से कम 11 स्थान पर औद्योगिक कॉरिडोर का विकास किया जाएगा इसलिए बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के लिए 1,528 हैक्टेयर अधिक भूमि का अधिग्रहण करवाया जा रहा है. अब इस निर्माण कार्य के लिए 1655 करोड रुपए से अत्यधिक राशि खर्च की जाएगी. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के आसपास औद्योगिक गलियारा के लिए 1365 करोड रुपए से अत्यधिक खर्च कर 873 हेक्टेयर भूमि का क्रय करवाया जा रहा है. अब एक्सप्रेसवे के किनारे सुल्तानपुर, लखनऊ, गाजीपुर, बाराबंकी और आजमगढ़ में औद्योगिक कॉरिडोर विकसित की जाएगी.
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एक्सप्रेसवे के साथ-साथ दौड़ेंगी विकास
अब राज्य सरकार का सीधा उद्देश्य है प्रमुख एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक गतिविधियों का प्रोत्साहन देना होगा जिसको लेकर रोजगार सृजन होगा और राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत की जाएगी. इस योजना के अंतर्गत एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में इन परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया लगातार जारी की है. इन योजनाओं के माध्यम से उद्योगों को बेहतर परिवहन सुविधा और लॉजिस्टिक लागत तथा राज्य में निवेश के लिए अनुकूल वातावरण का अनुभव मिल पाएगा. सरकार की इस कार्य योजना से औद्योगिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण फैसला माना जा रहा है इस योजना से अगर कार्य प्रणाली सफल होती है तो राज्य को औद्योगिक दृष्टि से और अधिक सशक्त और प्रतिस्पर्धा का स्वरूप दिया जा सकता है.
यूपी सीएम ने कहा एक्सप्रेसवे के निर्माण से औद्योगिक गलियारा विकसित करने की पहले राज्य के समग्र विकास औद्योगिक और बुनियादी ढांचे के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. अब तमाम एक्सप्रेसवे के किनारे रेल कनेक्टिविटी होने से औद्योगिक को तेज और सस्ती मार्ग जुलाई की सुविधा मिल पाएगी जिससे राज्य में निवेश आकर्षित लगातार होगा. औद्योगिक गतिविधियों के विस्तार से स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे खसरा ग्रामीण और अर्ध शहरी क्षेत्र में अवसर प्रदान किया जाएगा. नहीं औद्योगिक इकाइयां राज्य को करो और शुल्कों के रूप में अतिरिक्त राजस्व प्रदान करने में सहायक होगी. यूपी में सड़क परिवहन की तुलना में रेल परिवहन अधिक पर्यावरण अनुकूल रहा है. इस पहल से कार्बन उत्सर्जन को भी घटाने में सहायक मिल जाती है.