उत्तर प्रदेश के इस जिले में रिंग रोड निर्माण को मिली हरी झंडी, भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) इस परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से जुट चुका है. यह प्रस्ताव पहले भी तैयार किया गया था, जिसमें प्रयागराज, मुंगरा बादशाहपुर, जौनपुर और आजमगढ़ होते हुए दोहरीघाट मार्ग के हिस्से को चौड़ा कर फोरलेन बनाया जाना तय किया गया था। अब सरकार ने इस प्रस्ताव को औपचारिक मंजूरी प्रदान कर दी है. जानकारी के मुताबिक, यह रिंग रोड वाराणसी-लुंबिनी फोरलेन के सेमरहा गांव (किलोमीटर 218+800) से शुरू होकर बैठौली होते हुए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे (किलोमीटर 247+850) तक पहुंचेगा. इस प्रोजेक्ट के लिए पहले ही सर्वेक्षण का काम पूरा किया जा चुका है. सरकार से स्वीकृति मिलने के पश्चात अब जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी तेज हो गई है.

परियोजना के तहत कुल 27 गांवों की भूमि इस निर्माण कार्य में प्रभावित होगी. करीब 91.5 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जानी है, जिसमें अधिकांश भूमि किसानों की है. ऐसे में सरकार के समक्ष यह भी चुनौती होगी कि वे प्रभावित किसानों को समुचित मुआवजा और पुनर्वास सुविधाएं उपलब्ध कराएं. इस रिंग रोड के निर्माण से न केवल शहर के भीतर का ट्रैफिक काफी हद तक कम होगा, बल्कि बाहर से आने-जाने वाले भारी वाहनों को शहर में प्रवेश किए बिना ही गंतव्य तक पहुंचाया जा सकेगा. यह परियोजना आने वाले सालों में आजमगढ़ की यातायात व्यवस्था में सुधार और उसको व्यवस्थित बनाने में लाभदायक साबित होगी.