यूपी के इस जिले से भी गुजरेगा एक्स्प्रेस वे! औद्योगिक, आर्थिक और पर्यटन को मिलेगी रफ्तार
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आर्य समाज ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसे एसडीएम मयंक कुमार के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। इस ज्ञापन में गंगा एक्सप्रेस-वे के मार्ग को बिजनौर से होकर गुजारने की मांग की गई है। आर्य समाज के सदस्यों का मानना है कि यदि एक्सप्रेस-वे बिजनौर से होकर निकलेगा, तो इससे क्षेत्र के विकास में तेजी आएगी और स्थानीय लोगों को भी लाभ होगा।
बिजनौर की धरती ऋषि-मुनियों की जन्मभूमि रही है, जहां पर अनेक धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल हैं। इसलिए, इस क्षेत्र का विकास न केवल आर्थिक दृष्टि से फायदेमंद होगा, बल्कि यह सांस्कृतिक और धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। गंगा एक्सप्रेस वे के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और क्षेत्र की समृद्धि में वृद्धि होगी।
अगर गंगा एक्सप्रेस वे जनपद बिजनौर को प्रयागराज और हरिद्वार से जोड़ता है, तो यह बिजनौर के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इस सड़क के निर्माण से न केवल क्षेत्र की कनेक्टिविटी में सुधार होगा, बल्कि यह व्यापार और पर्यटन के लिए भी नए अवसर प्रदान करेगा। बिजनौर, जो उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच का एक महत्वपूर्ण संगम है, अब विकास की नई राह पर अग्रसर होगा।
इस एक्सप्रेस वे के माध्यम से यात्रा करना आसान और सुविधाजनक हो जाएगा, जिससे लोगों को अपने कार्यों के लिए समय की बचत होगी। इसके अलावा, इस परियोजना से स्थानीय व्यवसायों को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।
प्रभारी मंत्री कपिल देव अग्रवाल द्वारा गंगा एक्सप्रेस वे को मुजफ्फरनगर से निर्मित कराने के संबंध में दिए गए बयान की कड़ी निंदा की गई है। इस मुद्दे पर आवाज उठाने वालों में प्रमुख रूप से विजेंद्र सिंह, जो आर्य प्रतिनिधि सभा उत्तर प्रदेश के उप मंत्री हैं, शामिल रहे। इसके अलावा, डॉ. सत्येंद्र शर्मा अंगिरस, जो आर्य समाज बिजनौर के प्रधान हैं, ने भी अपनी चिंता व्यक्त की।
रविंद्र पाल सिंह, आर्य जिला प्रधान आर्य समाज, और चौधरी हेमेंद्र सिंह, जो आर्य समाज नजीबाबाद के प्रशासक हैं, ने इस बयान के खिलाफ अपनी असहमति जताई। उनके साथ संजीव कुमार और आलोक कुमार भी इस ज्ञापन में शामिल रहे।