यूपी में किसानों के लिए बड़ी खबर, सरकार देगी आर्थिक मदद
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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार वर्ष 2025 में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने में जुटी है। योगी सरकार ने बजट में खेती.किसानों सशक्त और समृद्ध बनाने की दिशा में चल रहे प्रयासों को और गति दे दी है। किसानों और कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाओं में भारी-भरकम राशि का प्रावधान किया गया है।
सरकार ने बजट में खेती-किसानी के लिए खोला खजाना
खेतों में उगेगी एक ट्रिलियन अर्थव्यवस्था की फसल
उत्तर प्रदेश को वृद्धि और समृद्धि के रास्ते पर बढ़ाने में कृषि और उससे जुड़ी गतिविधियों की अहम भूमिका है। कई वर्षों तक अनदेखी और बेरुखी झेल चुके इस क्षेत्र पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार खास जोर दे रही है ताकि प्रदेश की 68 फीसदी आबादी को रोजगार दिलाने वाले कृषि के हालात बेहतर हो सकें। किसानों का इतना बड़ा वर्ग छोटी जोत वाला है तो उनकी स्थिति सुधरने से राज्य का सकल घरेलू उत्पाद खुद ही सुधर जाएगा। प्रदेश के अत्यंत छोटी जोत वाले लघु कृषकों एवं खेतों में काम करने वाले ऐसे श्रमिक जिनके घरों के इर्द-गिर्द 10-20 मीटर खाली भूमि उपलब्ध होगी, उस पर क्यारियों में तुलसी, कालमेघ, सफेद मूसली, अश्वगंधा, एलोवेरा, अजवाइन आदि की खेती कराई जाएगी। इसके उत्पाद को बेचने में भी सरकार सहयोग करेगी। उत्तर प्रदेश का लक्ष्य अगले तीन.चार साल में कृषि निर्यात को 20.000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50.000 करोड़ रुपये करना हैए जिसके लिए उत्पादकता खाद्य प्रसंस्करण और कृषि मूल्य श्रृंखला में सुधार किया जा रहा है। निर्यात बढ़ाने के लिए प्रदेश भारतीय मसाला बोर्ड के तर्ज पर बागवानी जिंस बोर्ड बनाना चाहता है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में वहां की कृषि जलवायु क्षेत्र के अनुसार अलग-अलग औषधीय पौधो की खेती कराई जाएगी। कृषि विभाग के जिला कृषि अधिकारी एवं जिला उद्यान अधिकारी समेत उप निदेशक स्तर के अधिकारियों को इस योजना से सीधे जोड़ते हुए उनकी भूमिका भी तय की गई है ताकि किसान इनसे सीधा संवाद कर सके। योजना के अनुसार सरकार की ओर से स्वस्थ बीज या पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही कृषि एवं उद्यान विशेषज्ञों के माध्यम से समय-समय पर तकनीकी सहयोग भी दिया जाएगा। रोग अथवा कीटों का प्रकोप होने पर उसका निवारण भी सरकार की ओर से कराया जाएगा। मुख्य रूप से इन औषधीय पौधों की कराई जाएगी खेती इसमें लेमनग्रास, तुलसी, कालमेघ, सफेद मूसली, अश्वगंधा, जटामासी, कुटकी, अरंडी, मुलेठी, मदार, अदरख, हल्दी, केसर, शतावरी, सर्पगंधा, स्टेविया, सदाफूली, पथरचटा, जटरोफा, पान, गिलोय आदि की खेती कराई जाएगी।