यूपी में इस रूट पर तीसरी लाइन का काम पूरा, ट्रेनों का संचालन होगा सामान्य
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गोरखपुर जंक्शन पर तीसरी रेल लाइन का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. जिससे न केवल ट्रेनों के संचालन में सुधार होगा. बल्कि यात्री सुविधाओं में भी वृद्धि होगी.
निर्माण कार्य और सुरक्षा परीक्षण
गोरखपुर जंक्शन तक की तीसरी लाइन का निर्माण कार्य प्रगति पर है. मिट्टी भराई का काम लगभग पूरा हो चुका है. और जहां जगह समतल है. वहां लाइन बिछाई जा रही है. नॉन इंटरलॉकिंग और इंटरलॉकिंग कार्य की संभावना है. यह लाइन बनकर तैयार हो जाएगी. गोरखपुर जंक्शन और कैंट स्टेशन के बीच थर्ड लाइन का निर्माण और विद्युतीकरण पूरा हो गया है. नानइंटरलाकिंग के दौरान गुरुवार और शुक्रवार को दो दिन इलेक्ट्रानिक सिग्नल सिस्टम का परीक्षण चलेगा. तीसरे दिन शनिवार को रेल संरक्षा आयुक्त थर्ड लाइन और इलेक्ट्रानिक सिग्नल सिस्टम का निरीक्षण करेंगे. उनकी संस्तुति के बाद चौथे दिन रविवार से ट्रेनों का संचालन सामान्य हो जाएगा. गोरखपुर रेलखंड पर तीसरी लाइन के निर्माण कार्य के कारण कई ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ. गोरखपुर जंक्शन पर तीसरी रेल लाइन का निर्माण और स्टेशन का पुनर्विकास यात्री सुविधाओं में सुधार और ट्रेनों के संचालन में गति लाएंगे.
यह परियोजना गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. नानइंटरलाकिंग के दौरान गोरखपुर जंक्शन से बनकर चलने वाली और रुकने वाली सभी एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनें निरस्त कर दी गई हैं. बिहार से चलने वाली बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस समेत रनथ्रू ट्रेनें ही गोरखपुर होकर गुजर रही हैं. रनथ्रू ट्रेनों के लिए प्लेटफार्म नंबर एक और तीन खोला गया है. गोरखपुर कैंट सेटेलाइट स्टेशन के रूप में और बेहतर रूप से कार्य करने लगेगा, अधिक गाड़ियां चलाई जा सकेंगी. गोरखपुर जंक्शन पर इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग सिस्टम कार्य करने लगेगा. गोरखपुर जंक्शन नकहा जंगल, कैंट और डोमिनगढ़ से सीधे कनेक्ट हो जाएगा. गोरखपुर की ट्रेनें भी कंप्यूटर माउस के इशारे से चलने लगेंगी. शेष सभी प्लेटफार्म पूरी तरह बंद हैं. यात्रियों की परेशानी बढ़ गई हैं. दिल्ली जाने वाले लोगों को ट्रेनों में चढ़ने के लिए धक्कामुक्की करनी पड़ रही है. बिहार से आने वाली ट्रेनों में पैर रखने की जगह नहीं बच रही. लोग टायलेट में खड़ा होकर यात्रा करने को मजबूर हैं.
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प्रभावित ट्रेनें और मार्ग परिवर्तन
दो मई को नानइंटरलाकिंग का अंतिम परीक्षण होगा. इस दौरान जंक्शन यार्ड से सभी ट्रेनें हटा ली जाएंगी. परीक्षण के बाद रेल संरक्षा आयुक्त का निरीक्षण होगा. नानइंटरलाकिंग के बाद गोरखपुर जंक्शन से गोरखपुर कैंट तक तीसरी लाइन चालू हो जाएगी. बुधवार को भी दिनभर ब्लाक रहा. इस दौरान ट्रेनों का संचालन पूरी तरह ठप रहा। लखनऊ मंडल के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) गौरव अग्रवाल ने गोरखपुर जंक्शन से कैंट स्टेशन तक चल रहे निर्माण कार्य का निरीक्षण कर जायजा लिया. निर्माण कार्य की प्रगति जानने के बाद उन्होंने अहम सुझाव देने के साथ आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किया.
निरीक्षण के दौरान स्टेशन डायरेक्टर जेपी सिंह, स्टेशन मैनेजर संजय कुमार शर्मा और प्रभारी निरीक्षक दशरथ प्रसाद उपस्थित थे। दरअसल, सिग्नल सिस्टम को कंप्यूटराइज्ड करने के लिए दस साल बाद गोरखपुर जंक्शन की यार्ड रिमाडलिंग हो रही है. 12 से 26 अप्रैल तक प्री नानइंटरलाकिंग हुई. 27 अप्रैल से नानइंटरलाकिंग चल रही है. गोरखपुर जंक्शन पर तीसरी रेल लाइन के निर्माण कार्य के कारण ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ है. इस परियोजना के तहत डोमिनगढ़ से गोरखपुर तक तीसरी लाइन का निर्माण किया जा रहा है. जिससे यात्री और मालगाड़ियों के संचालन में सुधार की उम्मीद है. हालांकि इस निर्माण कार्य के कारण कई ट्रेनों को निरस्त या मार्ग परिवर्तित किया गया है.
भटनी में ही रुक जाएगी बनारस- गोरखपुर इंटरसिटी
बनारस से 02 मई को चलने वाली 15104 बनारस-गोरखपुर एक्सप्रेस भटनी में अपनी यात्रा समाप्त करेगी।
गोरखपुर से 02 मई को चलने वाली 15103 गोरखपुर- बनारस एक्सप्रेस भटनी स्टेशन से चलाई जाएगी।