यूपी में जाति जनगणना को लेकर सीएम योगी ने कही यह बात
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार के जाति जनगणना कराने के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि यह निर्णय सामाजिक संतुलन और न्याय को सुनिश्चित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है.
जाति जनगणना कराने के फैसले का सीएम योगी ने किया समर्थन
सीएम योगी ने कहा कि जाति आधारित आंकड़ों की उपलब्धता से सरकार को यह बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी कि किस वर्ग को किस स्तर पर सहायता की आवश्यकता है. इससे योजनाएं अधिक प्रभावी और परिणामदायक तरीके से बनाई जा सकेंगी. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जाति जनगणना कराने के निर्णय का स्वागत करते हुए इसे एक अभूतपूर्व निर्णय बताया है. एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सीएम योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है. मुख्यमंत्री ने इस कदम को सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास के सिद्धांत से जुड़ा हुआ बताते हुए कहा कि आंकड़ों की पारदर्शिता ही सामाजिक योजनाओं की सफलता की नींव होती है.
बता दें कि बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में केंद्र सरकार ने जाति जनगणना कराने का निर्णय किया. जनगणना 2021 में होनी थी पर कोरोना के कारण ये टलती गई. सीएम योगी ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार पहले से ही गरीबों और वंचित वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. और जाति जनगणना से उन प्रयासों को और बल मिलेगा. राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम न केवल सामाजिक न्याय को बढ़ावा देगा. बल्कि आगामी योजनाओं की दिशा और नीति निर्धारण में भी क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है. सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास भारत सरकार का एक प्रमुख और व्यापक नारा है. जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में पहली बार प्रस्तुत किया था. यह नारा देश की विकास नीति और समावेशी दृष्टिकोण का प्रतीक बन चुका है.
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समाज के सर्वांगीण विकास का आधार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी समय.समय पर इस नारे का उल्लेख करते हुए कहते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार बिना किसी भेदभाव के प्रत्येक नागरिक के कल्याण के लिए कार्य कर रही है. प्रधानमंत्री जी का हार्दिक आभार, जिनके नेतृत्व में भाजपा सरकार ने सामाजिक न्याय और डेटा-आधारित सुशासन को वास्तविकता में बदलने का यह ऐतिहासिक निर्णय लिया है. एक्स पर उन्होंने कहा कि 140 करोड़ देशवासियों के समग्र हित में आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सीसीपीए द्वारा जाति जनगणना को आगामी जनगणना में शामिल किए जाने का निर्णय अभूतपूर्व एवं स्वागत योग्य है. वंचित, पिछड़े और उपेक्षित वर्गों को सही पहचान और सरकारी योजनाओं में उनकी उचित भागीदारी दिलाने की दिशा में यह एक निर्णायक पहल है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति आधारित आंकड़े न केवल नीति निर्माण को मजबूत करेंगे. बल्कि समाज के उन वर्गों को भी सशक्त बनाएंगे जो अब तक पीछे रह गए हैं. यह निर्णय प्रधानमंत्री मोदी के सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास के संकल्प को और मजबूती देता है. योगी ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार पहले ही सामाजिक न्याय को प्राथमिकता देती रही है. गरीबों पिछड़ों और दलितों के लिए चलाई जा रही योजनाएं इसी सोच का हिस्सा हैं. जाति जनगणना से इन योजनाओं को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि योगी आदित्यनाथ का यह रुख सामाजिक संतुलन की राजनीति में एक ठोस संदेश देता है. जाति जनगणना जैसे संवेदनशील मुद्दे पर उनका स्पष्ट समर्थन इस बात को दर्शाता है कि सरकार सामाजिक वास्तविकताओं को स्वीकार कर नीति निर्धारण को अधिक प्रभावशाली बनाना चाहती है.