यूपी में इस रूट की नई रेल लाइन के लिए मिले 50 करोड़ रुपए, बनेंगे 32 स्टेशन

यूपी में इस रूट की नई रेल लाइन के लिए मिले 50 करोड़ रुपए, बनेंगे 32 स्टेशन
Bahraich News

भारतीय रेलवे जो दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. अपने बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और विस्तार के लिए अभूतपूर्व प्रयास कर रहा है. इसमें सुरक्षा, विद्युतीकरण, और रोलिंग स्टॉक जैसे प्रमुख क्षेत्रों में निवेश शामिल है.

नई रेल सेवाएँ और बुनियादी ढांचा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आगामी 2025.26 के बजट में रेलवे के आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान देने की योजना बना रही है. इसमें 400 उच्च गति वाली वंदे भारत ट्रेनों की खरीद और 100ः विद्युतीकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त बजट आवंटन की संभावना है. खलीलाबाद-बलरामपुर- बहराईच रेल मार्ग के निर्माण कार्य में तेजी आ गई है, अब तक 4500 किसानों में 350 करोड़ का मुआवजा वितरित हो चुका है, बाकी बचे किसानों के मुआवजे के लिए 50 करोड़ रुपये और मिले है,

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इस रेल मार्ग के बन जाने से यात्रियों को सहुलियत होगी, वे सीधे रेल सेवा से जुड़ जाएंगे. भारतीय रेलवे का विकास न केवल बुनियादी ढांचे के विस्तार में है. बल्कि यह पर्यावरणीय स्थिरता, यात्री सुविधाओं, और प्रौद्योगिकी में नवाचार के माध्यम से समग्र सामाजिक.आर्थिक प्रगति की दिशा में अग्रसर है. भारतीय रेलवे ने यात्री और माल यातायात दोनों क्षेत्रों में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की है. जो इसके बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण, बेहतर सेवाओं और रणनीतिक निवेश का परिणाम है.

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सुरक्षा और प्रौद्योगिकी में नवाचार 

भारतीय रेलवे का यात्री और माल यातायात में वृद्धि दर्शाता है कि यह क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक गतिविधियों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है. भविष्य में बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और तकनीकी नवाचारों के माध्यम से यह और अधिक प्रभावी और पर्यावरणीय रूप से स्थिर बनेगा. रेलवे ने यात्री सुरक्षा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अभूतपूर्व नवाचार किए हैं. जो न केवल दुर्घटनाओं को कम करने में सहायक हैं. बल्कि समग्र यात्रा अनुभव को भी बेहतर बना रहे हैं.

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भारतीय रेलवे ने स्वदेशी रूप से विकसित कवच प्रणाली को 2030 तक देशभर के प्रमुख रेलमार्गों पर लागू करने का लक्ष्य रखा है. यह प्रणाली ट्रेनों के बीच टक्कर की संभावना को समाप्त करने के लिए डिज़ाइन की गई है. अब तक यह प्रणाली 1.500 किलोमीटर से अधिक रेल मार्गों पर सफलतापूर्वक स्थापित की जा चुकी है. कवच में रेडियो संचार सिग्नल रिले और स्वचालित ब्रेकिंग जैसी सुविधाएँ शामिल हैं. जो खराब मौसम और घने कोहरे में भी ट्रेनों की सुरक्षित गति सुनिश्चित करती हैं.

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