यूपी में हजारों युवाओं की बल्ले-बल्ले, इस तरह मिलेगी जॉब

यूपी में हजारों युवाओं की बल्ले-बल्ले, इस तरह मिलेगी जॉब
Solar Energy

उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत हो रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ष्सूर्य घर योजनाष् के तहत राज्य के हर घर की छत पर सोलर पैनल लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. 

सौर ऊर्जा के क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर

इस महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत 60.000 युवाओं को सूर्य मित्र के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा. जिससे न केवल ऊर्जा संकट में कमी आएगी. बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे. सरकार ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में कुशल श्रमिकों की आवश्यकता को देखते हुए युवाओं को सूर्य मित्र के रूप में प्रशिक्षित करने की योजना बनाई है. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत युवाओं को सोलर पैनल इंस्टॉलेशन. मेंटेनेंस. और अन्य संबंधित कार्यों में दक्ष बनाया जाएगा. प्रशिक्षण की अवधि तीन महीने होगी. जिसमें 600 घंटे का विस्तृत पाठ्यक्रम शामिल है. जिसमें कक्षा प्रशिक्षण, व्यावहारिक प्रयोगशाला, सौर फोटोवोल्टिक प्रौद्योगिकी संयंत्रों का प्रदर्शन, सॉफ्ट स्किल्स और उद्यमिता कौशल शामिल हैं. यूपी में अब इको फ्रेंडली सोलर एनर्जी. इससे न केवल उजाला मिलेगा बल्कि इससे बड़ी संख्या में मिलने वाले रोजगार से लोगों और उनके परिवार की जिंदगी भी रौशन होगी. योगी सरकार अब 60 हजार युवाओं को ट्रेनिंग देगी और इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. योगी सरकार की मंशा उत्तर प्रदेश को खासकर बुंदेलखंड, विंध्य और उससे लगे क्षेत्रों को सोलर एनर्जी का हब बनाना है.

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इस बाबत नीति बनाकर लगातार प्रयास भी जारी है. इसी क्रम में सरकार ने हाल ही में स्मार्ट एनर्जी काउंसिल ऑफ ऑस्ट्रेलिया एवं हिंदुजा समूह के साथ एक मेमोरंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) भी साइन किया है. अभी हाल में ही केंद्रीय उपभोक्ता एवं खाद्य मंत्री प्रहलाद जोशी लखनऊ के दौरे पर आए थे. इस अवसर पर उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में उत्तर प्रदेश ऊर्जा की बढ़ती मांग के अनुरूप एक रोल मॉडल बन रहा है. सरकार द्वारा अयोध्या और वाराणसी में सौर ऊर्जा (सोलर एनर्जी) को लेकर हुए काम अनुकरणीय हैं. अगर ऐसे किसी मकान पर सोलर पैनल नहीं है तो उसका नक्शा निरस्त कर दिया जाएगा. स्वाभाविक है कि रूफटॉप सोलर पैनल्स की बढ़ती संख्या के अनुसार बिजली उत्पादन भी बढ़ेगा. इसी के मद्देनजर सरकार ने वित्तीय वर्ष 2026-2027 का लक्ष्य बढ़ाकर आठ लाख सोलर रूफ टॉप का कर दिया है. सरकार इस पर भारी अनुदान दे रही है. यही वजह है कि अब कुछ कंपनियां आसान और लंबी अवधि के मासिक ईएमआई पर सोलर पैनल के इंस्टालेशन कर रही है. लाभार्थी को तुरंत कुछ नहीं देना है.

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सौर ऊर्जा के क्षेत्र में युवाओं को मिलेगा प्रशिक्षण

इस पहल से न केवल ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि होगी बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे. प्रशिक्षित सूर्य मित्र सोलर पैनल इंस्टॉलेशन कंपनियों, सरकारी परियोजनाओं, और निजी क्षेत्र में कार्यरत होंगे. इसके अतिरिक्त, सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उद्यमिता के अवसर भी बढ़ेंगे, जिससे स्थानीय स्तर पर आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना के तहत राज्य के हर घर की छत पर सोलर पैनल लगाने का संकल्प लिया है. उन्होंने कहा हमारा उद्देश्य है कि उत्तर प्रदेश में हर घर को सौर ऊर्जा से रोशन किया जाए. जिससे ऊर्जा संकट में कमी आए और युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलें. सोलर एनर्जी को प्रोत्साहित देने के लिए सरकार रूफ टॉप परियोजना को भी लगातार बढ़ावा दे रही है. पीएम सूर्य योजना के तहत संचालित इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2025-2026 के लिए रूफ टॉप पैनल के लक्ष्य को दोगुना कर दिया गया है. इस लिहाज से इस वित्तीय वर्ष में 2.65 लाख रूफ टॉप सोलर पैनल लगाए जाने हैं. आवास एवं शहरी नियोजन विभाग ने सोलर रूफ टॉप और भवन निर्माण के बारे में नया प्राविधान बनाया है. इसके अनुसार अब 5000 वर्गमीटर के नक्शे के लिए रूफ टॉप अनिवार्य होगा।

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विभाग इसकी मॉनिटरिंग भी करेगा. सरकार का लक्ष्य 2030 तक 500 गीगावाट सोलर एनर्जी के उत्पादन का है. जैसे जैसे सोलर एनर्जी में वृद्धि होगी इनके पैनलों के निर्माण, इनके इंस्टालेशन, रखरखाव, ग्रिड के एकीकरण और ट्रांसमिशन के क्षेत्र में बड़ी संख्या में स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे. सरकार ने इसके लिए सोलर मित्र योजना भी शुरू कर चुकी है. सरकार का खासा फोकस है। इस क्रम में झांसी, जालौन, चित्रकूट, ललितपुर, कानपुर शहर और कानपुर देहात में सोलर पार्क स्थापित किए जाने हैं. बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को सोलर एक्सप्रेसवे के रूप में विकसित करने की भी सरकार घोषणा कर चुकी है. ऐसा होने पर यह देश का पहला सोलर एक्सप्रेसवे बन जाएगा. सरकार का लक्ष्य 2030 तक 500 गीगावाट सोलर एनर्जी के उत्पादन का है. जैसे जैसे सोलर एनर्जी में वृद्धि होगी इनके पैनलों के निर्माण, इनके इंस्टालेशन, रखरखाव, ग्रिड के एकीकरण और ट्रांसमिशन के क्षेत्र में बड़ी संख्या में स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे. सरकार ने इसके लिए सोलर मित्र योजना भी शुरू कर चुकी है.

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