यूपी में ओवरब्रिज के निर्माण को लेकर अपडेट, रोका गया वेतन
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यातायात की समस्या को हल करने के लिए प्रस्तावित ओवरब्रिजों के निर्माण में हो रही देरी पर कमिश्नर ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाए और निर्धारित समय सीमा के भीतर परियोजनाओं को पूरा किया जाए.
अधिकारियों को दिए गए मुख्य निर्देश
गोरखपुर कमिश्नर अनिल ढींगरा ने जिले में चल रहे सड़कों के चौड़ीकरण व पुल निर्माण कार्यों की समीक्षा के दौरान पुल-ओवरब्रिजों का कार्य सुस्त होने पर सेतु निगम के अफसरों को चेतावनी दी है. कमिश्नर की इस पहल से उम्मीद जताई जा रही है कि ओवरब्रिजों के निर्माण में तेजी आएगी और शहरवासियों को बेहतर यातायात सुविधाएँ मिल सकेंगी. निर्माण में हो रही देरी के कारण शहर में जाम की समस्या बढ़ गई है. जिससे आम जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. कमिश्नर ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे निर्माण कार्यों की नियमित निगरानी करें और किसी भी प्रकार की बाधाओं को शीघ्र दूर करें.
कई स्थानों पर ओवरब्रिजों का निर्माण कार्य निर्धारित समय सीमा से पीछे चल रहा हैए जिससे यातायात की समस्या बनी हुई है. कारण बताओ नोटिस जारी करने आदेश देते हुए एक्सईएन का वेतन रोकने का भी आदेश दिया है. सड़क निर्माण से संबंधित अफसरों को भूमि अधिग्रहण, रजिस्ट्री व पेड़ कटाई और विद्युत पोल शिफ्टिंग के कार्यों में आने वाली बाधाओं को संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित कर निस्तारण करने का निर्देश दिया. कमिश्नर ने संबंधित विभागों में कार्यों में शिथिलता बरतने वाले कांटैक्टर्स को ब्लैक लिस्ट करने का भी निर्देश दिया. ओवरब्रिज निर्माण में हो रही देरी पर नाराज कमिश्नर ने संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं. जिनका उद्देश्य निर्माण कार्यों में गति लाना और जनता को राहत प्रदान करना है. सभी ओवरब्रिज परियोजनाओं की प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा की जाए। तय समयसीमा में काम पूरा न करने पर जिम्मेदारी तय की जाएगी.
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निर्माण कार्यों की समयबद्ध समीक्षा
जिन ठेकेदारों की लापरवाही या धीमी कार्यशैली सामने आएगी. उनके खिलाफ जुर्माना और अनुबंध समाप्त करने की कार्रवाई की जाएगी. नगर निगम रेलवे और अन्य संबंधित एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित करने को कहा गया है. भूमि अधिग्रहण, शिफ्टिंग ऑफ यूटिलिटी ;जैसे बिजली, पानी, गैस लाइनें, जैसी बाधाओं को प्राथमिकता से हल किया जाए. निर्माण स्थलों पर यातायात प्रबंधन के लिए वैकल्पिक मार्ग., संकेतक और सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जाएँ. प्रगति रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए ताकि जनता को परियोजना की स्थिति की जानकारी मिलती रहे.
बैठक के दौरान एनएचएआई, यूपी राजकीय निर्माण निगम, सीएनडीएस, पीडब्ल्यूडी, जल निगम तथा अन्य विभागों की बिंदुवार समीक्षा की गई. बैठक में डीएम कृष्णा करुणेश, नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल, सीडीओ शाश्वत त्रिपुरारी, एडीएम (प्रशासन) पुरुषोत्तम दास गुप्ता, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट (सदर) मृणाली अविनाश जोशी सहित कई अफसर मौजूद रहे. आयुक्त सभागार में जनपद में संचालित 10 करोड़ रुपये से अधिक लागत की परियोजनाओं के संबंध में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान उक्त निर्देश दिए गए. बैठक में सेतु निगम के निर्माणाधीन कार्यों की समीक्षा करते हुए कमिश्नर ने कार्यों की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई. उन्होंने एक्सईएन से स्पष्टीकरण लेने और अग्रिम आदेश तक वेतन बाधित करने का निर्देश दिया. निर्माणाधीन महायोगी गुरु गोरखनाथ राज्य आयुष विश्वविद्यालय की समीक्षा करते हुए समस्त कार्यों को तेजी से पूर्ण करने का निर्देश दिया.