यूपी में लखनऊ, नोएडा समेत सात जगहों पर ईडी का छापा
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प्रवर्तन निदेशालय ने रियल एस्टेट सेक्टर की जानी.मानी कंपनी अंसल ग्रुप के दिल्ली, लखनऊ और गाजियाबाद स्थित कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की है. यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग और आर्थिक अनियमितताओं से जुड़े एक मामले में की गई है.
ठिकानों पर ईडी का छापा, लेन.देन की जांच तेज़
सूत्रों के अनुसार छापेमारी का मकसद कंपनी के वित्तीय लेन.देन और अघोषित संपत्तियों से जुड़े साक्ष्य जुटाना है. ईडी की टीमें शुक्रवार सुबह एक साथ तीनों शहरों में पहुंचीं और घंटों तक तलाशी अभियान चलाया. ईडी को संदेह है कि अंसल ग्रुप ने अपने विभिन्न प्रोजेक्ट्स में फंड डायवर्जन बेनामी संपत्ति निवेश और टैक्स चोरी जैसे गंभीर वित्तीय अपराध किए हैं. इस सिलसिले में कुछ दस्तावेज़ों और डिजिटल डाटा की जांच की जा रही है.
निवेशकों की रकम हड़पने के आरोपी अंसल एपीआई ग्रुप के दिल्ली, लखनऊ और गाजियाबाद के 9 ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को छापा मारा. ईडी की टीम नोएडा में कंपनी के मालिक प्रणव अंसल के आवास पर भी गई थी,
लेकिन वह मौजूद नहीं थे. वहीं राजधानी में सुशांत गोल्फ सिटी स्थित कॉरपोरेट ऑफिस को भी खंगाला जा रहा है. ईडी के अधिकारी केंद्रीय सुरक्षा बल के साथ दिल्ली के सात तथा लखनऊ व गाजियाबाद में एक-एक ठिकाने पर दस्तावेजों की छानबीन कर रहे हैं और कंपनी संचालकों से पूछताछ की जा रही है. अभी तक की छापेमारी में भारी मात्रा में महत्वपूर्ण दस्तावेज़, कंप्यूटर हार्ड डिस्क, संदिग्ध ट्रांजैक्शन से जुड़े रिकॉर्ड और कुछ नकदी भी जब्त की गई है. ईडी अधिकारियों ने संकेत दिया है कि इस केस में कुछ और नाम भी जांच के दायरे में आ सकते हैं.
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क्या है मामला, क्या मिला अब तक
अंसल ग्रुप की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. लेकिन सूत्रों का कहना है कि कंपनी जांच में सहयोग कर रही है. ईडी अब जब्त किए गए दस्तावेज़ों और इलेक्ट्रॉनिक डाटा की फॉरेंसिक जांच करेगी. साथ ही कंपनी के कुछ अधिकारियों को पूछताछ के लिए तलब भी किया जा सकता है. दरअसल, अंसल एपीआई के खिलाफ सैकड़ों निवेशकों ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है, जिसके बाद जांच एजेंसियां कार्रवाई कर रही हैं.
सूत्रों की मानें तो ईडी के अधिकारी खासकर अंसल ग्रुप की उन 148 कंपनियों के बारे में छानबीन कर रहे हैं, जिनके जरिये निवेशकों की रकम को विदेश भेजा गया था. यह मामला आगे चलकर रियल एस्टेट सेक्टर में बड़े वित्तीय अनियमितताओं का पर्दाफाश कर सकता है. बता दें कि ईडी ने करीब तीन साल पहले अंसल ग्रुप के खिलाफ दर्ज मुकदमों की जांच शुरू की थी, लेकिन अचानक मामला रफा-दफा हो गया था. अप्रैल के पहले सप्ताह में आयकर विभाग द्वारा कंपनी के ठिकानों पर छापे मारे जाने के बाद ईडी ने भी कार्रवाई की है. इससे पहले ईडी ने लखनऊ विकास प्राधिकरण से कंपनी के प्रोजेक्ट्स से संबंधित दस्तावेज भी मांगे थे. ईडी के अधिकारी दिल्ली और लखनऊ में कंपनी के निदेशकों से पूछताछ कर रहे हैं.