यूपी में इस गाँव की काटी लाइट, ग्रामीणों ने की शिकायत
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मेरठ जिले के एक गांव में वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध में बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा की गई अनुशासनहीनता के मामले में कार्रवाई की गई है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कर्मचारियों ने विरोध स्वरूप पूरे गांव की बिजली आपूर्ति बंद कर दी थी. इस पर स्थानीय लोगों ने ऊर्जा मंत्री से शिकायत की. जिसके बाद विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया.
ग्रामीणों ने ऊर्जा मंत्री से की थी शिकायत
ग्रामीणों का कहना है कि कर्मचारियों ने वक्फ बिल के विरोध में अपनी नाराजगी जताने के लिए यह कदम उठाया था. जिससे गांववासियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा. ऊर्जा मंत्री ने मामले का संज्ञान लेते हुए दोषी कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. इसके लिए कड़े निर्देश जारी किए. 30 अप्रैल को वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में मुस्लिम इलाकों में ब्लैकआउट कर प्रदर्शन किया. शहर के मुस्लिम बहुल इलाकों में 15 मिनट का ब्लैकआउट किया गया. वहीं, बर्खास्त कर्मचारी रियाजुद्दीन ने बताया मुझे नहीं पता कि ड्यूटी से क्यों हटाया गया है? मेरे पास गांव से फोन आया था कि आग लग गई है.
मैंने वहां जाकर देखा तो आग लगी थी. इसलिए मुझे शटडाउन लेना पड़ा. लगभग 9 बजकर 3 मिनट पर मैंने लाइट बंद की. करीब 10 मिनट तक सप्लाई बंद रही, फिर बिजली चालू कर दी थी. इसकी एंट्री मैंने रजिस्टर में भी की है. इसके बावजूद मुझे नौकरी से हटा दिया गया। मुझसे कहा गया है कि अब ऑफिस मत आना. रियाजुद्दीन का आरोप है कि गांव के कुछ लोग मुझसे दुश्मनी करते हैं. उन लोगों का पहले भी हमारे जेई से झगड़ा हो चुका है. उन्हीं लोगों ने झूठी शिकायत कर मुझे फंसाया है. एसडीओ हापुड़ हिमांशु सचान ने बताया कि रियाजुद्दीन संविदा कर्मचारी है, जो फीडर पर तैनात था. प्राथमिक जांच में पाया गया कि रियाजुद्दीन ने जान-बूझकर गांव की बिजली सप्लाई बंद की थी. इसके आधार पर बिजली विभाग ने उसे तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया. इस बीच विपक्षी दलों ने इस विधेयक का विरोध करते हुए इसे मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन बताया है और इसे वापस लेने की मांग की है. तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत रॉय ने भी लोकसभा में इस विधेयक को वापस लेने की मांग की है.
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वक्फ बिल के विरोध में पूरे गांव की लाइट काटी
इस घटना ने वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध में चल रहे आंदोलनों को और तेज कर दिया है. विभिन्न स्थानों पर मुस्लिम समुदाय के लोग इस विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. जिसमें लखनऊ, दिल्ली और अन्य शहरों में भी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. मौलाना कल्बे जव्वाद जैसे धर्मगुरु इस विधेयक को मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हमला मानते हुए इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. रात 9 बजे से 9.15 बजे तक लिसाड़ी गेट की 30 कॉलोनियों के हजारों घरों की बिजली बंद रही. जली कोठी, अहमदनगर, इस्लामाबाद और लोहिया नगर क्षेत्र में भी लोगों ने इस प्रतीकात्मक विरोध में हिस्सा लिया। इस दौरान घरों से लेकर सड़कों तक चारों ओर अंधेरा छाया रहा.
गुरुवार को ग्रामीणों ने ऊर्जा मंत्री सोमेंद्र तोमर से शिकायत की. ऊर्जा मंत्री ने मेरठ क्षेत्र के बिजली अधिकारियों को मामले की जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए. इसके बाद शुक्रवार सुबह कल्लू पंडित के नेतृत्व में ग्रामीण बिजलीघर पहुंचे और शिकायत की. बिजली कटौती के बाद कुछ ग्रामीणों ने अपने घरों पर इन्वर्टर चालू कर दिया. इस पर मुस्लिम पक्ष के लोगों ने विरोध शुरू कर दिया. लोग आमने-सामने आ गए. तनाव की स्थिति बन गई. इसी बीच लाइट आ गई। ग्रामीणों ने जब लाइट कटने के बारे में जानकारी की, तो पता चला कि यह लाइट जानबूझकर काटी गई थी. वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड निजी स्वार्थ का केंद्र बन गया है और इसमें सुधार की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि हर अच्छे काम का विरोध होता है. लेकिन सुधार समय की मांग है. वर्तमान में मेरठ जिले में बिजली आपूर्ति सामान्य हो गई है और विभाग ने भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. इसके लिए आवश्यक कदम उठाने की बात कही है.