यूपी में पेट परीक्षा को लेकर अपडेट, अब नहीं देनी होगी बार-बार परीक्षा!
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उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को राहत देते हुए प्रारंभिक पात्रता परीक्षा पास करने वालों के लिए वैधता अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया है. इस फैसले से उम्मीदवारों को आगामी सरकारी भर्तियों में आवेदन करने का और अधिक अवसर मिलेगा.
योगी सरकार का यह कदम क्यों महत्वपूर्ण है?
PET परीक्षा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित की जाती है. जिसका उद्देश्य विभिन्न विभागों में Group Cऔर Group D पदों के लिए उम्मीदवारों की प्रारंभिक पात्रता जांचना है। इस परीक्षा के माध्यम से चयनित उम्मीदवारों को आगे की चयन प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर मिलता है. देश सरकार ने समूह ‘ग’ की भर्तियों में आवेदन करने वाले युवाओं को बड़ी राहत दे दी है.
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित होने वाली प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (पीईटी) में एक बार शामिल होने वाले अभ्यर्थी अब तीन वर्ष तक की भर्तियों में फार्म भरने के लिए पात्र होंगे. अभी तक उन्हें एक वर्ष तक की भर्तियों में आवेदन का मौका मिलता था. यह लाभ वर्ष 2025 में या उसके बाद आयोजित होने वाली पीईटी में शामिल होने वालों को मिलेगा. पहले PET परीक्षा की वैधता अवधि एक वर्ष थी. जिससे उम्मीदवारों को समय की कमी का सामना करना पड़ता था. हालांकि इस समय वैधता अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. जिससे उम्मीदवारों को आगामी भर्तियों में आवेदन करने का और अधिक अवसर मिलेगा.
वैधता अवधि में वृद्धि का महत्व
आयोग यह चाहता था कि एक वर्ष के स्थान पर इसे तीन वर्ष कर दिया जाए. इस संबंध में एक प्रस्ताव भी कार्मिक विभाग को भेजा गया था. कार्मिक विभाग ने आयोग के इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए स्वीकृति प्रदान कर दी है. अब एक बार पीईटी में शामिल होने वाले युवा अगले तीन वर्षों तक भर्तियों के लिए आवेदन कर सकेंगे. कार्मिक विभाग के विशेष सचिव कुलदीप कुमार रस्तोगी ने इसके लिए 20 नवंबर 2020 के शासनादेश को संशोधित कर दिया है. गुरुवार को इस संबंध में संशोधित शासनादेश जारी कर उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को भेज दिया है. आयोग में समूह ‘ग’ तक के पदों पर भर्ती के लिए दो स्तरीय परीक्षा प्रणाली लागू है.
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प्रारंभिक अर्हता परीक्षा में शामिल होने वालों को अभी तक एक वर्ष तक की भर्ती परीक्षाओं में शामिल होने के लिए पात्र माना जाता था. आयोग पीईटी की वरीयता सूची से आवेदन करने वालों को परीक्षा के लिए छांट लेता है. यह निर्णय बेरोजगार युवाओं के लिए एक सकारात्मक कदम है. जो सरकारी नौकरियों की तलाश में हैं. वृद्धि हुई वैधता अवधि से उम्मीदवारों को अधिक अवसर मिलेंगे. जिससे उनकी उम्मीदें और प्रयास और भी मजबूत होंगे. इस निर्णय से यह स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश सरकार युवाओं के कल्याण और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर नवीनतम जानकारी प्राप्त करें और आगामी भर्तियों के लिए तैयारी करें.