यूपी के इन रेलवे स्टेशन पर मिलेगी अब यह जरूरी सुविधा

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विभिन्न प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर अब यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर ही जीवनरक्षक दवाएं मिलेंगी. रेलवे प्रशासन ने यात्रियों की सुविधा और आपातकालीन स्थिति को देखते हुए मेडिकल आउटलेट खोलने का निर्णय लिया है, जिससे इलाज में देरी नहीं होगी.
रेलवे द्वारा यात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधा को लेकर एक बड़ा और सराहनीय कदम उठाया गया है. उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद और बरेली समेत उत्तराखंड के देहरादून व हरिद्वार जैसे प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर अब मेडिकल आउटलेट्स खोले जाने की तैयारी अंतिम चरण में है. इस निर्णय के पीछे रेलवे की मंशा है कि सफर के दौरान किसी यात्री की तबीयत बिगड़ने पर तुरंत प्राथमिक इलाज उपलब्ध हो सके और गंभीर स्थितियों में जान बचाई जा सके. अक्सर देखा गया है कि ट्रेन में सफर करते समय यात्रियों को अचानक स्वास्थ्य संबंधी परेशानी का सामना करना पड़ता है, जैसे सिर दर्द, बुखार, उल्टी, गैस, ब्लड प्रेशर या डायबिटीज की समस्या. ऐसे में आसपास मेडिकल सुविधा न होने के कारण यात्रियों को काफी परेशानी होती है. अभी तक ऐसी स्थिति में रेलवे कंट्रोल रूम को सूचना देनी होती थी, जिसके बाद नजदीकी स्टेशन पर डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ बुलाए जाते थे. इसमें समय लगता था और कभी-कभी स्थिति गंभीर हो जाती थी.
अब इस प्रक्रिया में बदलाव करते हुए रेलवे ने सीधे स्टेशन पर ही मेडिकल शॉप्स खोलने का फैसला किया है. इन मेडिकल दुकानों में आम जरूरत की अंग्रेजी दवाओं के साथ-साथ बुखार, दर्द, सर्दी-खांसी, गैस व अन्य बीमारियों की दवाएं मिल सकेंगी. साथ ही कुछ मेडिकल उपकरण जैसे थर्मामीटर, मास्क, सैनिटाइज़र, बैंडेज, और ओआरएस पाउडर आदि भी उपलब्ध रहेंगे. रेल प्रशासन ने बताया कि शुरुआत में यह सुविधा मुरादाबाद रेल मंडल के चार प्रमुख स्टेशनों:- मुरादाबाद, बरेली, हरिद्वार और देहरादून पर उपलब्ध कराई जाएगी. इन स्टेशनों पर रोजाना हजारों यात्री यात्रा करते हैं. मुरादाबाद स्टेशन पर ही प्रतिदिन करीब 30,000 यात्री आते-जाते हैं और मंडल मुख्यालय से रोजाना 150 से अधिक ट्रेनों का संचालन होता है. इतने बड़े यात्री दबाव को देखते हुए स्वास्थ्य सुविधा का विस्तार समय की मांग बन चुका था.
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रेलवे के सीनियर डीसीएम आदित्य गुप्ता ने जानकारी दी कि इन मेडिकल आउटलेट्स के लिए इस महीने के अंत तक निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. यह आउटलेट्स 24 घंटे काम करेंगे ताकि रात के समय भी यात्रियों को राहत मिल सके. इसके साथ ही गंभीर हालत में यात्री कंट्रोल रूम में मैसेज कर डॉक्टर को स्टेशन पर बुला सकते हैं. यह कदम न केवल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा बल्कि रेलवे की सेवा गुणवत्ता में भी सुधार लाएगा. अगर यह प्रयोग सफल रहता है, तो भविष्य में अन्य बड़े स्टेशनों पर भी इस योजना को विस्तार दिया जा सकता है.