यूपी में आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर, हुआ यह बदलाव

यूपी में आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर, हुआ यह बदलाव
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प्रदेश में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में बताया कि राज्य सरकार अब आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की भर्ती, वेतन भुगतान और अन्य सेवाओं का प्रबंधन स्वयं करेगी. इसके लिए एक नया निगम स्थापित किया जाएगा, जिससे निजी आउटसोर्सिंग कंपनियों की भूमिका समाप्त होगी और कर्मचारियों को सीधे लाभ मिलेगा.

 कर्मचारियों को मिलेगा अधिकारों का संरक्षण

राज्य सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए निजी एजेंसियों के माध्यम से होने वाली आउटसोर्सिंग की व्यवस्था को पूरी तरह बदलने का ऐलान किया है. अब आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की भर्ती से लेकर वेतन भुगतान तक का पूरा प्रबंधन राज्य का सेवा निगम देखेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में यह निर्णय लिया गया. जिसका उद्देश्य कर्मचारियों का शोषण रोकना और उन्हें समय पर वेतन, स्थिरता और पारदर्शिता देना है.
आउटसोर्स कर्मचारियों को अब एजेंसियों के उत्पीड़न से राहत मिलेगी. आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के बाद भर्ती से लेकर तनख्वाह देने तक की जिम्मेदारी निगम ही संभालेगा. एजेंसियों को बाहर करने से सरकार को भी बचत होगी इसके अलावा कर्मचारियों के भी सेवा लाभ बढ़ेंगे।

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सूत्र बताते हैं कि निगम के गठन का प्रस्ताव योगी कैबिनेट की अगली बैठक में रखा जा सकता है. आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए वेलफेयर फंड का भी गठन निगम करेगा. प्रस्ताव में व्यवस्था की गई है कि चिकित्सा संस्थानों, इंजीनियरिंग, पीचडी, प्रबंधन में चयनित बालिकाओं को इस फंड से एक लाख रुपये दिए जाएंगे. परिवार की किसी एक बेटी को विदेश में भी पढ़ने के लिए एक लाख रुपये की राशि इसी फंड से दी जाएगी. सरकार अब एक विशेष आउटसोर्सिंग सेवा निगम स्थापित करेगी. यह निगम ही सभी विभागों के लिए आवश्यक आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की नियुक्ति करेगा और उनकी सेवाओं का प्रबंधन करेगा. पहले यह काम निजी ठेकेदारों और कंपनियों के माध्यम से होता था. जिससे अक्सर कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन नहीं मिलना, समय पर सैलरी नहीं आना, और अनुचित कटौती जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता था.

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भर्ती में पारदर्शिता और आरक्षण का पालन

नई व्यवस्था में भर्ती पारदर्शी तरीके से सेवा निगम द्वारा की जाएगी. साथ ही सभी नियुक्तियों में आरक्षण नीति का सख्ती से पालन होगा. नए नियमों के तहत सेवा निगम कर्मचारियों के लिए एक शिकायत निवारण तंत्र भी तैयार करेगा. यदि किसी कर्मचारी को सेवा या भुगतान संबंधी कोई समस्या होती है. तो वह सीधे निगम के माध्यम से शिकायत दर्ज करा सकेगा. इसके अतिरिक्त कर्मचारियों को भविष्य में मिलने वाले भत्तों, स्वास्थ्य बीमा और छुट्टी जैसे लाभों में भी सुधार किया जाएगा. निगम का गठन होने से सरकार को भी लाभ होगा। आउटसोर्स कर्मचारियों पर अभी हो रहे खर्च में 22.5ः की कमी आएगी. अभी जब एजेंसियों के मार्फत आउटसोर्स कर्मचारी रखे जाते हैं

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तो सरकार को जीएसटी और एजेंसी के कमीशन का भुगतान करना होता है. आउटसोर्स कर्मचारियों की समस्या पर चर्चा करते हुए जिम्मेदार विभागों ने माना था कि कर्मचारियों का चयन और उनका नवीनीकरण करते समय एजेंसियां धन वसूली करती हैं. सभी आउटसोर्स कर्मचारियों के ईपीएफ और ईएसआई खाते नहीं खुलवाए जाते हैं और जिनके खुलते भी हैं, उनमें समय से पैसा जमा नहीं किया जाता है. इसकी वजह से कर्मचारियों को ईएसआई और ईपीएफ का लाभ नहीं मिलता है. सूत्र बताते हैं कि निगम का गठन कंपनी एक्ट में गैर लाभकारी संस्था के तौर पर किया जाएगा. निगम भर्ती की केंद्रीयत व्यवस्था बनाएगा. निगम ही सभी विभागों को आवश्यकता के मुताबिक आउटसोर्स कर्मचारी उपलब्ध करवाएगा. कर्मचारियों को तनख्वाह वेतन खाते में दी जाएगी. इससे कर्मचारी स्वतः बीमित होंगे. दुर्घटना या विकलांगता की स्थिति में 30 लाख रुपये का भुगतान बैंक कर्मचारी या परिवार को करेगा.

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ईएसआई और ईपीएफ से लाभ मिलेंगे
- महिला कर्मचारियों को 180 दिन की पेड मैटरनिटी लीव दी जाएगी
- मिसकैरेज पर 42 दिनों की पेड मैटरनिटी लीव मिलेगी

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अस्वस्थ होने पर 91 दिन तक 70ः पेड लीव।

- ईएसआई चिकित्सालयों में कर्मियों को मुफ्त इलाज और जांचें -
- ईएसआई चिकित्सा संस्थानों में कर्मचारियों के बच्चों के लिए निर्धारित सीटों का आरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा
- दुर्घटना में मृत्यु होने पर 2.50 से 7 लाख रुपये तक घर वालों को
- सेवा अवधि पूरी करने के बाद पेंशन की सुविधा
- कर्मचारी की मृत्यु के बाद पत्नी अथवा माता-पिता को पेंशन निगम बनने के बाद सरकार से मिलेंगी सुविधाएं
- एक वर्ष में 12 आकस्मिक अवकाश
- एक वर्ष में 10 दिन का चिकित्सा अवकाश
- शासकीय काम से मुख्यालय से बाहर जाने पर टीए-डीए
- सामान्य मृत्यु पर 2 लाख और दुर्घटना में मृत्यु पर 5 लाख रुपये का भुगतान

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