यूपी में इन जिलो के बिजली कर्मचारियों का वेतन रुका
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उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के करीब 1800 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का वेतन इस महीने रोका गया है. कारण इन कर्मचारियों ने फेशियल अटेंडेंस सिस्टम के तहत अपनी उपस्थिति का पंजीकरण नहीं किया है. यह कदम विभाग की नई नीति के तहत लिया गया है. जो कर्मचारियों की उपस्थिति की निगरानी के लिए लागू की गई है.
फेशियल अटेंडेंस सिस्टम की अनिवार्यता
बिजली विभाग ने कर्मचारियों की उपस्थिति की निगरानी के लिए फेशियल अटेंडेंस सिस्टम लागू किया है. इस प्रणाली के तहत कर्मचारियों को अपनी उपस्थिति दर्ज करने के लिए फेशियल रेकग्निशन तकनीक का उपयोग करना अनिवार्य किया गया है. विभाग का कहना है कि इस कदम से कर्मचारियों की उपस्थिति में पारदर्शिता आएगी और कार्यस्थल पर अनुशासन बना रहेगा. मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के लखनऊ समेत 19 जिलों के जिन नियमित कर्मचारियों ने फेशियल अटेंडेंस का पंजीकरण 30 अप्रैल तक नहीं किया था, उनका वेतन रोक दिया गया है. ऐसे इंजीनियरों और कर्मचारियों की संख्या लगभग 1800 है. इन इंजीनियरों एवं कर्मचारियों को अप्रैल का वेतन नहीं मिलेगा.
इस संबंध में निगम की एमडी रिया केजरीवाल ने एक मई को आदेश जारी किया है. हालांकि पंजीकरण न कराने वाले नियमित व संविदाकर्मियों की कुल संख्या लगभग दस हजार है. गोमतीनगर सर्किल अफसर आशीष सिन्हा ने बताया कि संविदा एजेंसी की लापरवाही के कारण कुछ उपकेंद्रों पर कर्मियों का पंजीकरण नहीं हो सका है. उन्होंने बताया कि गोमतीनगर जोन में इसी कारण से संविदाकर्मियों का पंजीकरण नहीं हो पाया. फेशियल अटेंडेंस का पंजीकरण न करने वालों में नियमित कर्मियों में जूनियर इंजीनियर एवं उपकेंद्र के तकनीकी कर्मचारी ज्यादा हैं. एमडी ने ऐसे कर्मियों की सूची जारी की, जिसमें लखनऊ के जूनियर इंजीनियर सर्वाधिक हैं. ऐसे जूनियर इंजीनियरों ने सवाल पर जवाब दिया कि उनके संगठन ने फेशियल अटेंडेंस पंजीकरण का विरोध किया, इसलिए आदेश नहीं मान रहे हैं.
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कर्मचारियों की प्रतिक्रिया
विभाग ने पाया कि 1800 कर्मचारियों ने इस प्रणाली के तहत अपनी उपस्थिति का पंजीकरण नहीं किया. इसके परिणामस्वरूप इन कर्मचारियों का वेतन रोक दिया गया है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि जब तक ये कर्मचारी अपनी उपस्थिति का पंजीकरण नहीं करेंगे. उनका वेतन जारी नहीं किया जाएगा. कर्मचारियों ने विभाग की इस कार्रवाई पर असंतोष व्यक्त किया है. उनका कहना है कि तकनीकी कारणों से कई बार फेशियल रेकग्निशन सिस्टम में समस्या आती है. जिससे उपस्थिति दर्ज नहीं हो पाती. उन्होंने विभाग से इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने और तकनीकी समस्याओं का समाधान करने की मांग की है. वहीं दूसरी ओर जिम्मेदारों ने काफी नियमित इंजीनियरों एवं कर्मियों के खातों में वेतन ट्रांसफर कर दिया. इस वेतन को खाते से कर्मचारी न निकाल पाएं, इसके लिए कार्यवाही चल रही है.
साथ ही पंजीकरण न करने वाले नियमित कर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी हो सकता है. आधिकारिक जानकारी में एक अफसर ने बताया कि अभी विभाग के नियमित 1800 इंजीनियरों एवं कर्मियों का वेतन रोका गया है. जबकि संविदाकर्मियों का अप्रैल का वेतन रोका नहीं गया है. लेकिन, जो संविदाकर्मी मई में पंजीकरण नहीं करेगा उसे जून में वेतन नहीं मिलेगा. मध्यांचल निगम के तहत लखनऊ, रायबरेली, उन्नाव ,हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, बाराबंकी, अयोध्या, बहराइच, गोंडा, श्रावस्ती, बलरामपुर, अंबेडकरनगर, सुल्तानपुर, अमेठी, बरेली, शाहजहांपुर, बदायूं, पीलीभीत जनपदों के कार्यालयों एवं उपकेंद्रों पर कुल 7779 नियमित इंजीनियर एवं कर्मचारी कार्यरत हैं.