यूपी के इन गाँव से गुजरेगी रेल लाइन, शुरू हुई भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया,
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उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में प्रस्तावित नई रेलवे लाइन के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. इस परियोजना के तहत आनंदनगर से महराजगंज होते हुए घुघली तक लंबी रेल लाइन बिछाई जाएगी. जिससे क्षेत्र की कनेक्टिविटी में सुधार होगा और स्थानीय विकास को बढ़ावा मिलेगा.
11 गांवों में भूमि अधिग्रहण के लिए बन रहा अवार्ड
इस परियोजना के लिए पहले चरण में 29 गांवों की भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है. अब 11 अतिरिक्त गांवों की भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. इन गांवों में कुल 13.14 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जाएगी. भूमि अधिग्रहण के लिए गजट प्रकाशन की प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जाएगी. जिससे निर्माण कार्य में तेजी लाई जा सकेगी. महराजगंज आनंदनगर-महराजगंज-घुघली प्रस्तावित रेल मार्ग के लिए जरूरी प्रक्रिया पूरी की जा रही है. 11 गांव में अतिरिक्त जमीन अधिग्रहण के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इससे पहले 29 गांव में जमीन का अधिग्रहण हो चुका है. रेल मार्ग के दायरे में अतिरिक्त जमीनें आ रही हैं। इसे देखते हुए प्रक्रिया पूरी की जा रही है. भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा प्रदान किया जाएगा. पहले चरण में 444 किसानों को कुल 105 करोड़ रुपये का मुआवजा वितरित किया गया था. अब इन 11 गांवों के प्रभावित किसानों को भी मुआवजा प्रदान किया जाएगा. जिससे उनकी आजीविका प्रभावित न हो और वे नए अवसरों का लाभ उठा सकें. रेलवे के दायरे में चार डिस्मिल जमीन आई है. मुआवजा कम मिल रहा है. बाजार भाव के हिसाब से जमीन का रेट मिलना चाहिए. कृषि जमीन के हिसाब से मुआवजा दिया जा रहा है. यह उचित नहीं है. जिले में नई रेल लाइन निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रगति पर है.
आंशिक जमीनों की आवश्यकता है. इसके लिए 11 और गांवों में भूमि अधिग्रहण किया जाएगा. इसके लिए अवार्डेड बनाया जा रहा है. पूरी प्रक्रिया को पारदर्शिता बनाए रखने के लिए लगातार निगरानी की जा रही है. रेलवे के दायरे में एक एकड़ 25 डिस्मिल जमीन है. दूसरी जगह पर 40 डिस्मिल और मकान भी दायरे में आया है. मुआवजा देने में पारदर्शी व्यवस्था नहीं दिख रही है. मकान का मुआवजा कृषि के दर से देने की बात कही जा रही है, जबकि जमीन नगर क्षेत्र में है. रेल ट्रैक बिछाने के लिए कुछ जगहों पर आंशिक भूमि अधिग्रहण किया जाएगा. इसमें घुघली खुर्द में 0.5255 हेक्टेयर, घघरुआ खड़ेसर में 0.5039 हेक्टेयर, रामपुर बल्डिहा में 1.3250 हेक्टेयर, मटकोपा में 0.1957 हेक्टेयर, बरवा चमैनिया में 1.5207 हेक्टेयर, पिपरा मुंडेरी में 1.4256 हेक्टेयर, पिपराइच उर्फ पचरुखिया में 1.4356 हेक्टेयर, हरपुर में 0.1582 हेक्टेयर, विशुनपुर गबडुआ में 1.8051 हेक्टेयर, धरमपुर में 1.6456 हेक्टेयर और लक्ष्मीपुर में 3.5983 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की जाएंगी. इसके लिए प्रक्रिया चल रही है. दूसरी ओर, परियोजना के दूसरे चरण के तहत नौ नए गांवों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इन गांवों में प्रभावित किसानों की जमीन का सर्वे कराया जा रहा है. इसमें खेतों के रकबा और गाटा क्षेत्रफल का निर्धारण किया जा रहा है. सर्वे के बाद किसानों से आवश्यक दस्तावेज जैसे भूमि स्वामित्व प्रमाणपत्र, खतौनी, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज मांगे जाएंगे.
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जिले के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी
भूमि अध्याप्ति विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इन गांवों में मुआवजे के लिए प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों की जांच की जा रही है. यह देखा जा रहा है कि संबंधित भूमि वर्तमान में उन्हीं किसानों के स्वामित्व में है या उन्होंने उसे किसी को बेचा है. दस्तावेजों की सच्चाई जानने के लिए विभागीय स्तर पर अभिलेखागार कार्यालय से विस्तृत जानकारी एकत्र की जा रही है. दूसरे चरण में जिन नौ नए गांवों में भूमि अधिग्रहण प्रस्तावित है. इनमें रुद्रापुर में 0.8198 हेक्टेयर, रुदौली भावचक में 3.2360 हेक्टेयर, सिसवा अमहवा में 4.8784 हेक्टेयर, पकड़ी नौनिया में 8.0467 हेक्टेयर, रम्हौली में 1.1334 हेक्टेयर, कांध में 6.4227 हेक्टेयर, पिपरा रसूलपुर में 3.5900 हेक्टेयर, जंगल दुधई उर्फ चेहरी में 23.4341 हेक्टेयर (सबसे अधिक) व फरेंदा तहसील क्षेत्र में 11.0461 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है. जानकारी के अनुसार, जिले में प्रस्तावित नई रेल लाइन परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है. घुघली से लेकर महराजगंज-आनंदनगर तक कुल 52.70 किलोमीटर लंबी रेल लाइन ट्रैक बिछाने की योजना प्रस्तावित है. इसके लिए कुल 57 गांवों की 194 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जानी है. परियोजना के तहत पहले चरण में जिले के सदर तहसील क्षेत्र के 29 गांवों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है.
रेलवे लाइन बिछाने में कई स्थानों पर पहले अधिग्रहीत भूमि के अतिरिक्त थोड़ी और भूमि की आवश्यकता है. इसके लिए भूमि अध्याप्ति विभाग और रेलवे विभाग की ओर से फिर से मूल्यांकन किया गया. इस नए मूल्यांकन के आधार पर यह तय हुआ कि अतिरिक्त 11 गांवों की कुछ जमीन भी परियोजना के लिए जरूरत है। इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इससे पहले दूसरे चरण में नौ अन्य गांवों में भी भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पहले से ही चल रही थी, जिनमें प्रभावित किसानों के गाटा, रकबा और क्षेत्रफल का मिलान कार्य किया जा रहा है. भूमि अध्याप्ति विभाग के अधिकारियों के अनुसार, नौ नए गांवों और 11 अतिरिक्त गांवों में प्रभावित किसानों को मुआवजा वितरित करने के लिए 200 करोड़ रुपये की मांग रेलवे विभाग से की गई है. इसमें से अब तक 82 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हो चुकी है. जैसे ही प्रक्रिया पूरी होगी और आवश्यक दस्तावेज लेने की कार्रवाई होगी. इसके बाद मुआवजा वितरण की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी. भूमि अध्याप्ति विभाग के राजस्व निरीक्षक राकेश चंद्रा केंद्र अनुसार, रेल लाइन निर्माण के दायरे में आने वाले सभी प्रभावित किसानों से संवाद स्थापित किया जा रहा है.