यूपी पंचायत चुनाव से पहले बड़ा फैसला! पिछड़ा वर्ग आयोग को मिली मंजूरी, अब ऐसे तय होगा आरक्षण

अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव की तैयारियों को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब राज्य में एक नया आयोग बनाया गया है, जो खास तौर पर ग्रामीण स्थानीय निकायों में पिछड़े वर्ग (OBC) के लिए काम करेगा। शुक्रवार को कैबिनेट बैठक में इस आयोग के गठन को मंजूरी दे दी गई।
इस आयोग का काम यह होगा कि वह पंचायत चुनाव में पिछड़े वर्ग के लिए कितनी सीटों पर आरक्षण होना चाहिए, इसकी सिफारिश करे। इसके आधार पर पंचायत चुनाव में OBC को आरक्षण मिलेगा।
फिलहाल आयोग की निगरानी में ही यह सारा काम होगा ताकि किसी तरह की गड़बड़ी न हो। इससे पहले नगर निकाय चुनाव इसलिए टालने पड़े थे क्योंकि पिछड़े वर्ग के लिए आयोग नहीं बना था। बाद में सरकार ने आयोग बनाकर आरक्षण तय किया और फिर चुनाव कराए। अब यही प्रक्रिया पंचायत चुनावों में अपनाई जाएगी।
पंचायत चुनाव नजदीक आते ही बढ़ीं शिकायतें
जैसे-जैसे पंचायत चुनाव करीब आ रहे हैं, वैसे-वैसे गांवों की शिकायतें तेजी से बढ़ने लगी हैं। अब गांवों की समस्याएं और आरोप सीधे शहर के अधिकारियों तक पहुंचने लगे हैं। बीडीओ से लेकर ज़िले के बड़े अफसरों तक रोज़ाना गांवों के विकास कार्यों में गड़बड़ी की शिकायतें पहुंच रही हैं।

चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे संभावित उम्मीदवार मौजूदा ग्राम प्रधानों पर तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं। बागपत विकास भवन में हर दिन लगभग 10 से 15 शिकायतें पहुंच रही हैं।
चुनाव में अभी भले ही छह महीने से ज्यादा का वक्त बाकी है, लेकिन गांवों में हलचल अभी से तेज हो गई है। विकास कार्यों को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। सबसे ज्यादा शिकायतें जिला पंचायत राज विभाग में दर्ज हो रही हैं, जिससे यह साफ है कि पंचायत चुनाव को लेकर गांवों में माहौल गर्माने लगा है।
आरक्षण को लेकर दावेदारों की बेचैनी बढ़ी
पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर दावेदारों की बेचैनी साफ नजर आ रही है। एससी, ओबीसी, महिला या सामान्य, किस सीट पर किस वर्ग को मौका मिलेगा, इसे लेकर सभी अपनी-अपनी तरफ से अंदाजा लगाने में लगे हैं। इस बीच, पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन को कैबिनेट से मंजूरी मिलते ही अब आरक्षण प्रक्रिया तेज़ी से आगे बढ़ने लगी है। इससे दावेदारों की उत्सुकता और भी बढ़ गई है।