यूपी के इन 59 जिलों के बदलेंगे दिन! हाईटेक होंगे शहर
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उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के 59 शहरों के समग्र और आधुनिक विकास के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है. इस योजना के तहत इन शहरों को स्मार्ट सिटी मॉडल पर विकसित किया जाएगा. जिसमें उन्नत तकनीक, बेहतर बुनियादी ढांचा और पर्यावरणीय संतुलन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
जीआईएस तकनीक से स्मार्ट शहरीकरण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना के तहत प्रमुख शहरों का चयन किया है. इन शहरों में उन्नत तकनीकी विकास और आधारभूत संरचनाओं को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. उत्तर प्रदेश सरकार अब जीआईएस (भौगोलिक सूचना प्रणाली) तकनीक के आधार पर राज्य के 59 जिलों में नोएडा और गुरुग्राम जैसी बुनियादी सुविधाओं और नागरिक सुविधाओं का विस्तार करेगी. माना जा रहा है कि जीआईएस तकनीक से योजनाओं की निगरानी आसान हो जाएगी.
इस योजना के अंतर्गत जीआईएस ;ज्योग्राफिकल इंफॉर्मेशन सिस्टम तकनीक का उपयोग करके शहरों की सड़कों, जल निकासी प्रणाली, ट्रैफिक नियंत्रण, सार्वजनिक सुविधाओं और पर्यावरणीय सुधारों को वैज्ञानिक तरीके से विकसित किया जाएगा. इससे अव्यवस्थित विकास को रोका जाएगा और योजनाबद्ध तरीके से बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाएगा. इन शहरों में ग्रीन बेल्ट बनाई जाएंगी और बड़े पैमाने पर पेड़ लगाए जाएंगे. इससे प्रदूषण कम होगा और पर्यावरण संतुलन बना रहेगा. सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को और अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित बनाया जाएगा. इससे नागरिकों के लिए कहीं भी आना-जाना आसान हो जाएगा. जीआईएस के आधार पर शहरों का विकास करने और उन्हें हाईटेक बनाने से अनियंत्रित और अव्यवस्थित शहरी विस्तार पर रोक लगेगी. सभी विकास कार्यों की दिशा पहले से तय हो जाएगी, जिससे शहर सुनियोजित बनेंगे.
59 शहरों का चयन और विकास की दिशा
योजना के तहत शहरों में अत्याधुनिक ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जाएगा ताकि जाम की समस्या कम हो. बारिश के पानी की निकासी और जलभराव से बचाव के लिए सुदृढ़ जल निकासी प्रणाली विकसित की जाएगी. इसके अलावा, सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को अधिक सुगम और सुविधाजनक बनाया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले चरण में 35 शहरों के आधुनिकीकरण को मंजूरी दे दी है. बाकी शहरों को भी जल्द ही इस योजना में शामिल कर लिया जाएगा. उत्तर प्रदेश सरकार ने 59 शहरों के लिए जीआईएस (भौगोलिक सूचना प्रणाली) आधारित मास्टर प्लान तैयार किया है. इससे शहरों का वैज्ञानिक और डेटा आधारित विकास करने में मदद मिलेगी. शहरों में हरित बेल्ट विकसित किए जाएंगे और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए नए पौधे लगाए जाएंगे. इससे न केवल शहरों की सुंदरता बढ़ेगी,
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बल्कि पर्यावरणीय सुधार भी संभव होगा. इन शहरों में स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम की मदद से यातायात अव्यवस्था को नियंत्रित किया जाएगा. साथ ही, बारिश के पानी की निकासी के लिए प्रभावी व्यवस्था की जाएगी, ताकि सड़कें अच्छी स्थिति में रहें और बारिश के दिनों में भी यातायात प्रभावित न हो। अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी, मेरठ, मथुरा, प्रयागराज और अलीगढ़ समेत कई शहरों में आधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी. इन शहरों में बुनियादी ढांचे और नागरिक सेवाओं का विकास किया जाएगा. इस सूची में अयोध्या, अलीगढ़, सहारनपुर, देवरिया, गोरखपुर, वाराणसी, मेरठ, मथुरा, प्रयागराज, बरेली, गाजीपुर, रामनगर, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर और मुजफ्फरनगर जैसे शहर शामिल हैं. इन शहरों को जीआईएस तकनीक से विकसित करने से सेवा क्षेत्र में हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ेंगे.