यूपी में इस रूट पर बनेगा औद्योगिक गलियारा, होगा भूमि अधिग्रहण

उत्तर प्रदेश सरकार प्रयागराज के सोरांव इलाके में गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक गलियारे को निर्मित करने के लिए तेजी से कार्य कर रही है. इसके लिए किसानों से ज़मीन खरीदने और उद्योग लगाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा चुके हैं.
उत्तर प्रदेश के विकास की रफ्तार अब और तेज हो गई है. सरकार ने गंगा एक्सप्रेसवे के प्रयागराज छोर पर एक नया औद्योगिक गलियारा निर्मित करने की योजना को मूर्त रूप देना शुरू कर दिया है. इसके लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) ने ज़मीन अधिग्रहण के मद में अब तक 166 करोड़ रुपये जारी किए हैं. इनमें से 66 करोड़ रुपये किसानों को उनकी भूमि के बदले में दिए जा चुके हैं. सरकार की मंशा है कि इस क्षेत्र को फार्मा और टेक्सटाइल उद्योग के लिए एक मजबूत केंद्र के रूप में विकसित किया जाए. इस गलियारे में औद्योगिक इकाइयों के साथ-साथ इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (ITI) और चिकित्सा संस्थानों की भी स्थापना की योजना है, जिससे स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार दोनों मिल सकें.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इस महत्वाकांक्षी परियोजना की प्रगति की निगरानी कर रहे हैं. हाल ही में उन्होंने 2 स्थलों पर पहुंचकर परियोजना का स्थलीय निरीक्षण भी किया, जिससे यह साफ है कि सरकार इस कार्य को प्राथमिकता दे रही है. प्रयागराज जनपद के सोरांव तहसील अंतर्गत जूड़ापुर दांदू, बारी सराय हरिराम, माधोपुर मलाक चतुरी और सरायलाल खातून (होलागढ़) गांवों में लगभग 101.5 हेक्टेयर भूमि इस परियोजना के लिए चिन्हित की गई है. इनमें 94.94 हेक्टेयर जमीन किसानों की है और 6.55 हेक्टेयर सरकारी है. अब तक 18.86 हेक्टेयर भूमि का लेन-देन कर लिया गया है और शेष भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज़ी से आगे बढ़ रही है.
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प्रयागराज के जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ ने बताया कि यूपीडा अधिकारियों के साथ नियमित बैठकें की जा रही हैं और परियोजना की लगातार मॉनिटरिंग हो रही है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जल्द ही जमीन अधिग्रहण की पूरी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी ताकि निर्माण कार्यों में कोई बाधा न आए. गौरतलब है कि गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ से शुरू होकर प्रयागराज के जूड़ापुर दांदू तक फैलेगा, जिससे पूर्वांचल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बीच तेज और सुगम संपर्क स्थापित होगा. यह न केवल यातायात को गति देगा, बल्कि इस पूरी पट्टी में औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों को भी नई दिशा देगा. इस परियोजना से न सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि प्रदेश में निवेश के नए रास्ते खुलेंगे और हज़ारों लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे.