SRH vs GT मैच में शुभमन गिल का विवादित आउट: अंपायरिंग फैसले पर सोशल मीडिया में मचा बवाल

IPL 2025 के मुकाबले अब बेहद रोमांचक मोड़ पर पहुंच चुके हैं, जहां हर मैच में न सिर्फ खिलाड़ियों का प्रदर्शन बल्कि अंपायरिंग फैसले भी सुर्खियों में आ रहे हैं। ऐसा ही एक विवादित क्षण देखने को मिला सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) और गुजरात टाइटंस (GT) के बीच खेले गए मुकाबले में, जब GT के कप्तान शुभमन गिल एक नाजुक मौके पर आउट दिए गए और इस फैसले पर काफी बहस छिड़ गई। इस पूरे मामले ने सोशल मीडिया पर भी जबरदस्त हलचल मचा दी।
मैच का 13वां ओवर चल रहा था और पहली पारी में गुजरात की बल्लेबाज़ी जोरों पर थी। शुभमन गिल 75 रन पर खेल रहे थे और बेहतरीन लय में नजर आ रहे थे। इसी दौरान एक थ्रो हर्षल पटेल की ओर से आया जो विकेटकीपर क्लासेन की दिशा में गया। यह एक करीबी रनआउट चांस था और थर्ड अंपायर को निर्णय लेना पड़ा कि गेंद जब विकेट से टकराई, तब वह क्लासेन के दस्तानों में थी या नहीं।
यहां पर विवाद की जड़ शुरू होती है। रीप्ले में यह स्पष्ट नहीं हो सका कि गेंद पहले स्टंप से टकराई या क्लासेन के दस्तानों से। कुछ एंगल्स में ऐसा लगा कि क्लासेन के दस्तानों में गेंद थी जब वह स्टंप्स से टकराए, जबकि कुछ फुटेज में यह स्पष्ट नहीं था। अंपायर ने इस संदेह का लाभ फील्डिंग साइड को दिया और शुभमन गिल को आउट करार दे दिया।
इस फैसले के बाद शुभमन गिल बेहद नाराज नजर आए। वे डगआउट लौटते वक्त अंपायर से खुलकर बहस करते देखे गए और मैदान पर कुछ पल के लिए तनावपूर्ण माहौल बन गया। साथी खिलाड़ियों ने बीच-बचाव कर मामला शांत किया, लेकिन कैमरे ने सब कुछ रिकॉर्ड कर लिया।
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इस मैच में सिर्फ यही एक विवादित फैसला नहीं रहा। मैच के दौरान आशीष नेहरा, जो गुजरात के कोचिंग स्टाफ का हिस्सा हैं, बार-बार खिलाड़ियों को संदेश भेजते देखे गए। इस पर भी ऑन-फील्ड अंपायर को दखल देना पड़ा और नेहरा के आसपास एक अंपायर को खड़ा कर दिया गया ताकि वह मॉनिटर कर सके कि संदेश किस तरह भेजे जा रहे हैं।
इसके अलावा अभिषेक शर्मा का आउट भी चर्चा में रहा। उस फैसले में गेंद पिच कहां हुई थी, इस पर भ्रम की स्थिति बनी रही और रीप्ले के बावजूद स्पष्टता नहीं आई। ऐसे में अंपायरिंग से जुड़े कई फैसले इस मैच को सुर्खियों में लाने के लिए काफी रहे।
अब अगर प्रदर्शन की बात करें तो शुभमन गिल ने 75 रन की शानदार पारी खेली और गुजरात को एक मजबूत स्कोर की ओर ले गए। ऑरेंज कैप की दौड़ में भी गुजरात के बल्लेबाज़ों का दबदबा साफ नजर आ रहा है। साईं सुदर्शन, जोस बटलर और शुभमन गिल – इन तीनों ने टॉप 4 में अपनी जगह बना ली है। इस सीजन गुजरात की बल्लेबाज़ी लाइनअप सबसे संतुलित और प्रभावशाली दिख रही है।
बात अगर उस विवाद के मूल बिंदु की करें, यानी क्लासेन के दस्तानों की, तो यह पहली बार नहीं है जब क्लासेन के ग्लव्स किसी विवाद में फंसे हों। इससे पहले मुंबई के खिलाफ मुकाबले में भी एक कैच के दौरान क्लासेन के दस्ताने स्टंप्स के आगे आए थे, जिससे कैच को नो बॉल करार दिया गया था। ऐसे में एक बार फिर उनके दस्तानों की पोजिशनिंग पर सवाल उठे हैं और यह एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है।
क्रिकेट के नियम कहते हैं कि अगर विकेटकीपर स्टंप्स से आगे आता है और बॉल को उससे पहले टच करता है, तो यह नो बॉल माना जाता है। इस नियम की व्याख्या कई बार विवाद का विषय बन चुकी है, और इसी तरह के अस्पष्ट रीप्ले जब सामने आते हैं, तब थर्ड अंपायर को निर्णय लेने में मुश्किल होती है।
लेकिन फैंस का गुस्सा सिर्फ अंपायरिंग पर ही नहीं, बल्कि फैसलों की निरंतरता और पारदर्शिता पर भी है। IPL जैसे बड़े मंच पर जहां हर गेंद करोड़ों दर्शकों की नजर में होती है, वहां एक भी गलत फैसला किसी खिलाड़ी या टीम की किस्मत बदल सकता है। ऐसे में यह ज़रूरी हो जाता है कि थर्ड अंपायरिंग फैसले तकनीकी तौर पर पूरी तरह स्पष्ट और निष्पक्ष हों।
इस मुकाबले के बाद सोशल मीडिया पर गिल को सपोर्ट करने वाले हजारों फैंस ने उनके आउट को 'ग़लत फैसला' बताया और अंपायरिंग की आलोचना की। वहीं कुछ क्रिकेट एक्सपर्ट्स ने भी यह कहा कि इस तरह के 50-50 फैसलों में बल्लेबाज़ को फायदा दिया जाना चाहिए, खासकर जब निर्णायक फुटेज मौजूद न हो।
हालांकि विवादों के बावजूद यह मैच क्रिकेट के स्तर पर शानदार रहा और दोनों टीमों ने जबरदस्त मुकाबला दिया। शुभमन गिल की फॉर्म, गुजरात की बैटिंग लाइनअप और SRH की चुनौतीपूर्ण गेंदबाज़ी इस सीजन की बड़ी कहानियों में से एक बन रही हैं।
आने वाले मैचों में देखना होगा कि क्या अंपायरिंग विवादों पर कोई नियंत्रण किया जाता है या ऐसे ही बहस और भ्रम की स्थिति बनी रहती है।