यूपी में किसानों की बढ़ेगी आय! तैयार होंगे 25 करोड़ से ज्यादा पौधे
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केंद्र सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाओं और रणनीतियों पर काम कर रही है. हालांकि इस्राइली कृषि पद्धतियों को अपनाने की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. लेकिन सरकार ने कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.
सरकार की प्रमुख योजनाएं और पहलें
केंद्र सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से इन दो योजनाओं को मंजूरी दी है. जिनके तहत 1 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इन योजनाओं से टिकाऊ कृषि को बढ़ावा मिलेगा और खाद्य सुरक्षा में सुधार होगा. योगी सरकार ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए अनुदान दे रही है. ड्रिप सिंचाई में इकाई लागत के सापेक्ष लघु एवं सीमांत कृषकों को 90 प्रतिशत तथा अन्य कृषकों को 80 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है.
वहीं स्प्रिंकलर सिंचाई के लिए लघु एवं सीमांत कृषकों को 75 प्रतिशत और अन्य कृषकों को 65 प्रतिशत तक की सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही है. प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात विभाग के राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि योगी सरकार का लक्ष्य है कि इजरायली तकनीक की मदद से किसानों की आमदनी को दोगुना किया जाए. इसके तहत 26 करोड़ पौध को तैयार करने की योजना बनाई गई है. इन पौध से सब्जियों के उत्पादन में गुणात्मक और मात्रात्मक सुधार आएगा, जिससे बाजार में अच्छी कीमत मिल सकेगी. सरकार छोटे और सीमांत किसानों की आय बढ़ाने के लिए एफपीओ की स्थापना को बढ़ावा दे रही है. इससे किसानों को बेहतर मूल्य, वित्तीय सहायता और बाजार तक पहुंच प्राप्त होगी.
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हाईटेक तकनीक से तैयार होंगे करोड़ पौधे
नर्सरियों और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के माध्यम से किसानों को उन्नत किस्म की पौध, उर्वरक, जैविक उत्पाद, कीटनाशक नियंत्रण, जल प्रबंधन, फसल संरक्षण एवं विपणन की तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी. इससे उत्पादन लागत में कमी और लाभ में वृद्धि संभव होगी. प्रदेश में सब्जी उत्पादन को तकनीकी सहायता से सशक्त बनाने की तैयारी की जा रही है. योगी सरकार इसके लिए इस्राइली तकनीक की मदद ले रही है. इसके तहत, कौशाम्बी में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर फ्रूट्स और चंदौली में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजीटेबल्स की स्थापना की जा रही है. इसके साथ ही, किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में 150 हाईटेक नर्सरियों का जाल बिछाया जा रहा है,
जिससे उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले पौधे और आधुनिक तकनीक सुलभ हो सकेगी. प्रदेश में 150 हाईटेक नर्सरियों की स्थापना की जा रही है. इन केंद्रों के माध्यम से किसानों को आधुनिक खेती की जानकारी, बीज, पौध और प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा. यह पहल प्रदेश के हर जिले में सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देगी. सरकार जैविक और प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित कर रही है. इसके लिए तीन योजनाएं लागू की जा रही हैं. जिनसे किसानों की लागत कम होगी और पर्यावरणीय लाभ भी होगा. केंद्र सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाओं और पहलें चला रही है. हालांकि इस्राइली कृषि पद्धतियों को अपनाने की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. लेकिन सरकार की वर्तमान नीतियों से किसानों को लाभ मिलने की संभावना है.