यूपी में इस रूट पर अगले 6 महीने में रेल दोहरीकरण के सर्वे का काम हो जाएगा पूरा
जिले के रेल यातायात में दोहरीकरण के चलते महत्वपूर्ण परिवर्तन देखने को मिलेंगे। बलरामपुर से गोंडा के बीच स्थित रेलमार्ग पर 4 प्रमुख स्थानों पर रेलवे क्रॉसिंग हैं
पूर्वोत्तर रेलवे ने गोरखपुर के नकहा जंगल से बलरामपुर से गोंडा के बीच रेलमार्ग के दोहरीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत लगभग 6 महीने में सर्वेक्षण कार्य पूरा करने की योजना है। दोहरीकरण के इस कार्य के पूरा होने से बलरामपुर और गोंडा के बीच स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज का निर्माण भी संभव हो सकेगा। वर्तमान में, एकल रूट होने के कारण ओवरब्रिज को निर्मित नहीं किया जा पा रहा था, लेकिन दोहरीकरण के बाद यह कार्य तेजी से आगे बढ़ सकेगा।
जिले के रेल यातायात में दोहरीकरण के चलते महत्वपूर्ण परिवर्तन देखने को मिलेंगे। बलरामपुर से गोंडा के बीच स्थित रेलमार्ग पर 4 प्रमुख स्थानों पर रेलवे क्रॉसिंग हैं। इन क्रॉसिंग्स पर ओवरब्रिज की अनुपस्थिति के कारण सड़क यातायात पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे स्थानीय निवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
यह समस्या विशेष रूप से उस समय बढ़ जाती है जब कई ट्रेनें और मालगाड़ियाँ एक साथ गुजरती हैं, जिससे सड़क पर लंबा जाम लग जाता है। ऐसे में, रेल यातायात का दोहरीकरण न केवल ट्रेन संचालन की गति को बढ़ाएगा, बल्कि सड़क यातायात को भी सुगम बनाएगा। इस परियोजना के पूरा होने से यात्रियों और स्थानीय व्यापारियों के लिए यात्रा करना आसान हो जाएगा, साथ ही समय की बचत भी होगी।
लंबाई में 45 किलोमीटर का यह रेलमार्ग शहर के झारखंडी के साथ-साथ बहादुरा, सुभागपुर और सुभागपुर माल गोदाम के निकट रेलवे क्रॉसिंग से गुजरता है। सुबह से लेकर रात तक, यहां बहुत बार ट्रेनें और मालगाड़ियाँ गुजरती हैं, जिसके कारण रेलवे फाटक बंद हो जाते हैं। ऐसे में वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं, जिससे यातायात में बाधा उत्पन्न होती है।
गोंडा सुभागपुर मालगोदाम रेलवे क्रॉसिंग पर झारखंडी और गोंडा रूट पर सबसे लंबा जाम देखने को मिलता है। इस जाम में नौकरी पेशा लोगों के साथ-साथ आम नागरिकों को भी कई दिक्कतों को झेलना पड़ता है।
रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने जानकारी दी है कि "इस समस्या के समाधान के लिए दोहरीकरण का सर्वेक्षण जल्द ही शुरू किया जाएगा। इसके पश्चात एक ठोस कार्ययोजना तैयार की जाएगी, जिससे जाम की समस्या को कम किया जा सकेगा।"