यूपी में बनेगा पहला डिजिटल हाईवे, होगा यह रूट

यूपी में बनेगा पहला डिजिटल हाईवे, होगा यह रूट
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बाराबंकी से बहराइच के बीच डिजिटल हाईवे तैयार किए जाने की तैयारी की गई है। इस योजना से लोगों को बड़ी राहत मिल जाएगी। 101 किलोमीटर लंबे और चार लेन के इस प्रस्तावित हाईवे पर आरामदायक सफर की तमाम सुविधाएं लोगों को दी जाएंगी।

देश में डिजिटल हाईवे का प्रस्ताव

लखनऊ परियोजना निदेशक एनएचएआई सौरभ कनौजिया का कहना है कि बाराबंकी-बहराइच हाईवे को डिजिटल हाईवे के रूप में विकसित किया जाएगा। अभी यह मार्ग दो लेन का है। इस हाईवे को चार लेन में बदलने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसके लिए भूमि की मापी और सर्वे का काम तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य शीघ्र शुरू कराया जाएगा। यूपी ने पहला डिजिटल हाईवे बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। यह राजमार्ग बाराबंकी और बहराइच को जोड़ेगा। डिजिटल हाईवे करीब 101 किलोमीटर लंबा होगा और चार लेन का होगा। ऑप्टिक फाइबर केबल इसके किनारे लगाया जाएगा। सर्वे को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने शुरू किया है। सर्वे रिपोर्ट आने पर एस्टीमेट बनाया जाएगा। मार्च 2025 से इस हाईवे के निर्माण की तैयारी है। बाराबंकी-बहराइच हाईवे को डिजिटल राजमार्ग बनाने की अनुमति मिली है, लखनऊ परियोजना निदेशक एनएचएआई सौरभ कनौजिया ने बताया। अभी रोड दो लेन का है। अब यह चार लेन में बदल जाएगा। भूमि सर्वेक्षण और पैमाइश शुरू हो चुका है। निर्माण भी जल्दी शुरू हो जाएगा। एनएचएआई की ओर से देश में 10.000 किलोमीटर लंबे डिजिटल हाईवे बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है। इसकी शुरुआत दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और हैदराबाद-बेंगलुरु कॉरिडोर से हो चुकी है। बाराबंकी-बहराइच हाईवे को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है।

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आधुनिक तकनीक से होगी लैस

आधुनिक सुविधाओं से लैस सड़कों को डिजिटल हाईवे का नाम दिया गया है। डिजिटल हाईवे या सड़कें ऐसे प्लेटफॉर्म होते हैं जो टेक्नोलॉजी डाटा और कनेक्टिविटी का इस्तेमाल करके नेटवर्क को बेहतर बनाती हैं। इसमें हाईवे की डिजाइन निर्माण और ऑपरेशन पर फोकस होता है। डिजिटल हाईवे में सेफ यात्रा, फास्ट डिलिवरी और बेहतर यात्रा अनुभव मिलता है। प्रस्तावित बाराबंकी-बहराइच डिजिटल हाईवे आधुनिक रोड सेफ्टी सिस्टम से लैस होगा। इसकी लाइटिंग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। ऑप्टिकल फाइबर केबल को डिजिटल हाईवे के एक किनारे तीन मीटर चौड़ाई में बिछाया जाएगा, ताकि बाद में केबल के लिए सड़क न खोदनी पड़े। केबल बिछने के बाद, इंटरनेट और दूरसंचार सेवाओं को इलेक्ट्रानिक उपकरणों से सीधे तौर पर जोड़ा जा सकेगा। वेब पोर्टल के माध्यम से, केबल का उपयोग करने वाली कंपनी को सड़क पट्टे पर दी जाएगी। इलेक्ट्रॉनिक और आधुनिक सड़क सुरक्षा प्रणाली डिजिटल सड़कों को लैस करेंगे। 24 घंटे कदम-कदम पर एनपीआर और नेटवर्क कैमरे होंगे। रात में पूरा हाईवे रोशनी से प्रकाशित होगा। इससे चालकों की चूक से दुर्घटनाएं कम होंगी। यात्रा के दौरान चालकों को भी अलर्ट किया जाएगा।

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