राजकीय मेला घोषित करने के नए नियम: 5 लाख श्रद्धालु, 1.5 करोड़ तक अनुदान, जानें पूरी प्रक्रिया

राजकीय मेला 2025: 5 लाख श्रद्धालु और 1.5 करोड़ अनुदान, जानें नए नियम

राजकीय मेला घोषित करने के नए नियम: 5 लाख श्रद्धालु, 1.5 करोड़ तक अनुदान, जानें पूरी प्रक्रिया
Uttar Pradesh News

अब किसी आयोजन को राजकीय मेला घोषित करने के लिए कुछ जरूरी शर्तें तय कर दी गई हैं। नगर विकास विभाग ने इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की है। नई व्यवस्था के अनुसार, अगर किसी आयोजन को राजकीय मेला घोषित करना है तो उसमें शामिल होने वाले श्रद्धालुओं या यात्रियों की संख्या कम से कम 5 लाख होनी चाहिए। इसके अलावा उस आयोजन का धार्मिक, पौराणिक या ऐतिहासिक महत्व भी देखा जाएगा। राजकीय मेला घोषित करने का प्रस्ताव जिलाधिकारी (DM) की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा भेजा जाएगा। इस प्रस्ताव के आधार पर सरकार मेलों को 25 लाख से लेकर 1.5 करोड़ रुपये तक की आर्थिक मदद देगी, जो आयोजन में आने वाली भीड़ की संख्या पर निर्भर करेगी।

डीएम की अध्यक्षता में बनने वाली मेला समिति अपने प्रस्ताव में कुछ जरूरी जानकारियां देगी। इसमें मेला का धार्मिक, पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व, कब से कब तक मेला चलेगा, मेला क्षेत्र का नक्शा, मेला राज्य स्तर का है, अंतरराज्यीय है या अंतरराष्ट्रीय, इस दौरान मिलने वाली सुविधाओं की स्थिति और आयोजन समिति के बारे में पूरी जानकारी शामिल होगी।

 

मेला आयोजन को लेकर कुछ जरूरी नियम बनाए गए हैं। मेला समिति को आयोजन की ऐतिहासिकता से जुड़े प्रमाण देने होंगे। साथ ही यह हिदायत दी गई है कि किसी नए स्थान पर मेला आयोजित करने का प्रस्ताव न भेजा जाए।

मेले में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की औसत संख्या भी बतानी होगी, जो कम से कम 5 लाख होना जरूरी है। मेला केवल सरकारी जमीन या आयोजन समिति की खुद की जमीन पर ही किया जा सकेगा।जब मेला समिति प्रस्ताव भेजेगी, तो उसे शासन स्तर पर जांचा जाएगा। उसके बाद कैबिनेट (मंत्रिपरिषद) से मंजूरी मिलने पर राजकीय मेला घोषित करने की अधिसूचना जारी की जाएगी। एसओपी के मुताबिक, मेले का खर्च कार्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) फंड और मेला आय से उठाया जाएगा। जो कार्य राज्य सरकार के दूसरे विभागों से जुड़े होंगे, वे अपने-अपने बजट से पूरे किए जाएंगे। अगर खर्च ज्यादा हो गया, तो डीएम शासन से अतिरिक्त पैसे की मांग कर सकता है।

सरकार ने यह फैसला लिया है कि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या के आधार पर आर्थिक सहायता दी जाएगी। यदि मेले में 5 से 10 लाख श्रद्धालु आते हैं तो आयोजन को 25 लाख से 50 लाख रुपये तक की मदद मिलेगी। 10 से 20 लाख श्रद्धालुओं की भागीदारी होने पर 50 लाख से 75 लाख रुपये तक की सहायता राशि दी जाएगी। वहीं, अगर मेला 20 से 40 लाख श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है तो उसे 75 लाख से 1 करोड़ रुपये तक की मदद मिलेगी। 40 से 60 लाख श्रद्धालु आने पर यह राशि 1 करोड़ से 1.25 करोड़ रुपये तक होगी, जबकि 60 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के शामिल होने पर 1.25 करोड़ से 1.5 करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा।

 

खर्च का थर्ड पार्टी निरीक्षण होगा

मेला आयोजन के लिए दी गई धनराशि से जो भी कार्य होंगे, उनका निरीक्षण किसी तीसरी एजेंसी (थर्ड पार्टी) से कराया जाएगा। डीएम इस एजेंसी को नियुक्त करेगा और उसके द्वारा दी गई रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।

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