यूपी के गोरखपुर से इन रूट पर बढ़ेंगी ट्रेन, यह स्टेशन बन रहे टर्मिनल

यूपी के गोरखपुर से इन रूट पर बढ़ेंगी ट्रेन, यह स्टेशन बन रहे टर्मिनल
Gorakhpur News (1)

गोरखपुर के साथ ही अन्य स्टेशनों से अमृत भारत और अन्य नई ट्रेनें चलाई जा सकेंगी। इसके लिए अभी से तैयारी शुरू हो गई है। प्रमुख स्टेशनों के टर्मिनल के रूप में विकसित हो जाने के बाद अधिक ट्रेनें चलाने का रास्ता साफ हो जाएगा। एनईआर में कवच का काम शुरू हो गया है। वर्तमान में गोरखपुर से मुम्बई के लिए सात जबकि बेंगलुरु व चेन्नई के लिए एक-एक ट्रेनें चलाई जा रही हैं। लगातार बढ़ते दबाव को देखते हुए बड़े मेट्रो स्टेशनों पर संशाधनों की बढ़ोत्तरी की जा रही है। 

रेलवे स्टेशन पर नए फुट ओवर ब्रिज का निर्माण

एनईआर के 10 रूटों पर कवच की मंजूरी पूर्वाेत्तर रेलवे को पहले ही मिल चुकी है। इस प्रणाली को स्थापित करने के लिए पहले ऑप्टिकल फाइबर बिछाकर नेटवर्क को कनेक्ट करना जरूरी है। इसलिए ऑप्टिकल फाइबर बिछाने और आटोमेटिक सिग्नल प्रणाली का काम तेजी से चल रहा है। रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा कि पुणे, बेंगलुरु, चेन्नई और दिल्ली में टर्मिनल बनाए जा रहे हैं। जबकि कुछ स्टेशनों पर इसका विस्तार किया जा रहा है। इस खास तकनीक से एक ही ट्रैक पर आगे पीछे दौड़ने वाली ट्रेनों में टक्कर नहीं होगी। इसे रोकने के लिए जीपीएस, रेडियो फ्रीक्वेंसी का प्रयोग होगा। ट्रेनों के टकराने की स्थिति आने से पहले ही दोनों ट्रेनों में ऑटोमेटिक ब्रेक लगने के साथ ही पांच किलोमीटर के दायरे में मौजूद सभी ट्रेनों का संचालन भी बंद हो जाएगा। ट्रेन हादसों में कमी लाने के लिए दो साल पहले रेलवे ने आरडीएसओ के साथ मिलकर काम शुरू किया था। महाप्रबंधक ने बताया कि गोरखपुर जं. स्टेशन के पुनर्विकास का कार्य तीन वर्षों में पूरा कर लिया जाएगा। गोरखपुर जं. रेलवे स्टेशन पर नए फुट ओवर ब्रिज का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। आठ महीने में एफओबी बनकर तैयार हो जाएगा। कुछ तकनीकी दिक्कतें थी जिसे दूर करा लिया गया है अब काम शुरू हो गया है। इसके अलावा गोरखपुर स्टेशन समेत अमृत भारत योजना के तहत चयनित अन्य स्टेशनों पर तेजी से विकास कार्य हो रहा है। छपरा-बाराबंकी रूट को स्वचलित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली (कवच) से लैस करने के लिए 467 करोड़ रुपये बजट मंजूर हो चुका है। टेंडर प्रक्रिया चल रही है। इस तकनीक से अगर एक ट्रैक पर दो ट्रेनें आ भी जाएं तो एक निश्चित दूरी पर दोनों ट्रेनें खुद-ब-खुद रुक जाएंगी।

सहजनवा से बैदौली तक 27 किलोमीटर तक रेल लाइन

महाप्रबंधक ने बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए 17,500 गैर वातानुकूलित सामान्य कोचों का निर्माण किया जाएगा। अगले पांच वर्षों में सभी आईसीएफ कोचों के स्थान पर एलएचबी कोच लगा दिए जाएंगे। सहजनवा-दोहरीघाट, घुघली-महराजगंज-आनन्द नगर तथा खलीलाबाद-बहराइच नई लाइन का काम तीन फेज में कराया जाएगा। बजट में सभी परियोजनाओं के लिए धन मिला है। सहजनवां-दोहरीघाट में पहले फेज में सहजनवां से बांसगांव तक काम होगा। 50 प्र तिशत से ज्यादा भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया है। इसी तरह खलीलाबाद-बहराइच नई रेल लाइन में पहले फेज में खलीलाबाद-बांसी के बीच काम कराया जा रहा है। दो महीने में यहां पटरी बिछाने का काम शुरू होगा। इसी तरह घुघली-महरागंज नई रेल लाइन के इस महीने टेंडर निकाल दिया जाएगा। तीनों लाइनों पर तेजी से काम होगा। गोरखपुर कैंट-गोरखपुर के मध्य तीसरी लाइन निर्माण का कार्य शीघ्र ही पूर्ण कर लिया जाएगा। 81 किमी लंबी सहजनवा-दोहरीघाट रेल लाइन तीन साल में बिछा दी जाएगी। यह प्रोजेक्ट तीन चरणों में पूरा होगा। पहला चरण मार्च 2026 में पूरा होगा। इसमें सहजनवा से बैदौली तक 27 किलोमीटर तक रेल लाइन बिछाई जाएगी। दूसरे चरण का काम मार्च 2027 तक पूरा कर लिया जाएगा। इसमें बैदौली से गोलाबाजार तक 29 किलोमीटर तक लाइन बिछाई जाएगी। तीसरे और अंतिम चरण का काम मार्च 2028 में पूरा हो जाएगा। इसमें गोलाबाजार से न्यू दोहरीघाट तक 25.5 किलोमीटर रेल लाइन बिछाई जाएगी। इस रेल लाइन पर भी ट्रेनें 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी।

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