शिक्षा मंत्री के भाई की नियुक्ति: नूतन ठाकुर ने की EWS सर्टिफिकेट के जांच की मांग, प्रियंका ने बताया आपदा में अवसर, सतीश द्विवेदी ने दिए अपने तर्क

शिक्षा मंत्री के भाई की नियुक्ति: नूतन ठाकुर ने की EWS सर्टिफिकेट के जांच की मांग, प्रियंका ने बताया आपदा में अवसर, सतीश द्विवेदी ने दिए अपने तर्क
Sathish Chandra Dwivedi Bhai Arun Dwivedi

लखनऊ. अमिताभ ठाकुर तथा डॉ नूतन ठाकुर ने सिद्धार्थ यूनिवर्सिटी कपिलवस्तु में मनोविज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर पद पर नियुक्त किये गए शिक्षा मंत्री डॉ सतीश चन्द्र द्विवेदी के भाई डॉ अरुण कुमार उर्फ़ अरुण द्विवेदी द्वारा नियुक्ति हेतु प्रस्तुत ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट की जाँच की मांग की है.

राज्यपाल तथा यूनिवर्सिटी की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल सहित अन्य को भेजे अपनी शिकायत में उन्होंने कहा कि डॉ अरुण कुमार शिक्षा मंत्री के भाई होने के साथ ही स्वयं भी बनस्थली विद्यापीठ, राजस्थान में मनोविज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर थे. ऐसे में डॉ अरुण कुमार द्वारा ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट प्राप्त किया जाना प्रथमद्रष्टया जाँच का विषय दिखता है.

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उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ सुरेन्द्र दूबे ने भी कहा कि यदि ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट फर्जी होगा तो वे दंड के भागी होंगे. साथ ही शिक्षा मंत्री ने इस संबंध में कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जो पूरे प्रकरण को अत्यधिक संदिग्ध बना देता है. अतः अमिताभ तथा नूतन ने ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट की जाँच की मांग की है.

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शिक्षा मंत्री  सतीश द्विवेदी ने दिए तर्क, प्रियंका ने बताया आपदा में अवसर

दूसरी ओर आरोपों पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि ‘आप में से कोई किसी चैनल का स्टेट हेड जिसका पैकेज तीन-चार करोड़ का हो तो क्या उसके भाई को इनकम मिलता है. भाई की अलग आइडेंटिटी है. प्रशासन का प्रमाण पत्र है.मेरा कोई हस्तक्षेप नहीं है. एक अभ्यर्थी ने आवेदन किया है और एक विश्वविद्यालय ने निर्धारित भर्ती प्रक्रिया का पालन किया है और चयन किया है.इस मामले में मेरा हस्तक्षेप नहीं है, न ही कुछ कहना है. दुर्भाग्य है कि वो मेरा भाई है.जिसको आपत्ति है, जांच करा ले.’

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उधर, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी सवाल उठाए. प्रियंका ने कहा- ‘इस संकटकाल में यूपी सरकार के मंत्रीगण आम लोगों की मदद करने से तो नदारद दिख रहे हैं लेकिन आपदा में अवसर हड़पने में पीछे नहीं हैं. यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई गरीब बनकर असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति पा गए. लाखों युवा यूपी में रोजगार की बाट जोह रहे हैं, लेकिन नौकरी “आपदा में अवसर” वालों की लग रही है. ये गरीबों और आरक्षण दोनों का मजाक बना रहे हैं. ये वही मंत्री महोदय हैं जिन्होंने चुनाव ड्यूटी में कोरोना से मारे गए शिक्षकों की संख्या को नकार दिया और इसे विपक्ष की साज़िश बताया. क्या मुख्यमंत्री जी इस साज़िश पर कोई ऐक्शन लेंगे?’

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