यूपी के इस जिले में पुनर्जीवित होगा 24 कोसी परिक्रमा मार्ग, शुरू हुई तैयारी
परिक्रमा मार्ग के अंतर्गत पड़ने वाली समाधियों के संबंध में अधिकारियों को निर्देशित किया। डीएम ने एक्सईएन पीडब्ल्यूडी से कहा परिक्रमा मार्ग की नापतौल कराई जाए। नरोत्तम सराय और जालब सराय के पास चौराहे का सौंदर्यीकरण और तीर्थ मार्ग के स्थान व मार्ग को लेकर पिलर, फ्लैक्स बोर्ड लगवाने के निर्देश दिए।
चौबीस कोसीय परिक्रमा मार्ग पर लगेंगे संकेतांक
प्रशासन ने शुरू की खोज अन्य व्यवस्थाएं भी जल्द
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक संभल जिले के 68 तीर्थों और 19 कूपों की परिक्रमा के लिए हर साल दीपावली के अगले दिन बड़ी संख्या में देश-प्रदेश से श्रद्धालु पहुंचते हैं. यह परिक्रमा उत्सव दो दिन तक मनाया जाता है. इसके साथ ही पिछले साल से हर माह के पहले रविवार को भी 24 कोसीय परिक्रमा शुरू की गई है. संभल 24 कोसीय परिक्रमा समिति के अध्यक्ष राज शर्मा ने बताया कि जिले के तीर्थों के सार-संभाल और उन्हें पुनर्जीवित करने के मकसद से यह परंपरा शुरू की गई है। संभल जिला प्रशासन शहर को धार्मिक और पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने के लिए लगातार कोशिशें कर रहा है. इस क्रम में अब यहां के 24 कोसी परिक्रमा मार्ग को फिर से उसके मूल स्वरूप में लौटाने की तैयारी है. करीब 72 किलोमीटर के परिक्रमा मार्ग में से वर्तमान में 48 किलोमीटर का रास्ता ही बचा है. इसको जानने-समझने के लिए डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया, एसपी और अन्य अधिकारियों ने 24 कोसीय परिक्रमा मार्ग पर 11 किलोमीटर की पदयात्रा की. संभल में 68 तीर्थ और 19 कूप हैं प्रशासन ने 41 तीर्थ और सभी 19 कूप खोज लिए हैं. इसके अलावा यहां 9 संरक्षित स्थल भी हैं। उन्होंने कहा कि इस यात्रा मार्ग में जो भी अवरोध आए, उनके बारे में चर्चा की गयी. जहां रोड बननी है या लाइटिंग होनी है इसको लेकर बात की गयी. हमारे 22 नलकूप भी रास्ते में आते हैं. उन नलकूपों को अच्छे रमणीय स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा. परिक्रमा मार्ग में वंश गोपाल तीर्थ का बोर्ड डैमेज मिला. इसकी शिकायत मिली थी कि दो जगह पर बोर्ड को तोड़ा गया है. दोनों ही जगह पर मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए गये हैं. जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।