उत्तर प्रदेश में युवाओं के लिए नए अवसर, 6000 नई फैक्ट्रियों की योजना

उत्तर प्रदेश सरकार ने औद्योगिक विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की तैयारी कर ली है। राज्य में इस वर्ष 6000 नई फैक्ट्रियों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है, जिससे रोजगार के असंख्य अवसर सृजित होंगे। इसके लिए भूमि आवंटन की प्रक्रिया तेज करने से लेकर उत्पादन शुरू कराने तक सरकार व्यापक स्तर पर निवेशकों की सहायता करेगी। वर्तमान में राज्य में 26,915 फैक्ट्रियां कार्यरत हैं, और इस योजना के पूरा होने के बाद यह संख्या 32,000 के करीब पहुंच जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 10 खरब रुपये तक पहुंचाने के लिए औद्योगिक विकास विभाग को एक नई रणनीति अपनाने का निर्देश दिया है। जो परियोजनाएं भूमि की अनुपलब्धता के कारण रुकी हुई थीं, उन्हें पुनः चिन्हित कर प्रत्येक जिले में व्यवस्थित रूप से भूमि आवंटित करने का अभियान चलाया जाएगा। हाल ही में आयोजित एक बैठक में सीएम ने उन निवेश परियोजनाओं को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए, जिनका शिलान्यास ‘ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी’ में हो चुका है और जिनका उत्पादन जल्द शुरू किया जा सकता है।
औद्योगिक विकास विभाग के मुख्य सचिव आलोक कुमार ने सभी औद्योगिक प्राधिकरणों की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है, जिसमें भूमि आवंटन में आ रही अड़चनों को दूर करने और नए भूमि बैंक के निर्माण पर चर्चा होगी। साथ ही, मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी ने इस विषय पर कहा कि ऐसी फैक्ट्रियों का भी पंजीकरण कराया जाएगा जो अब तक किसी कारणवश पंजीकृत नहीं हो सकीं। श्रम विभाग के माध्यम से इन गैर-पंजीकृत उद्योगों को औपचारिक रूप से सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।
राज्य सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र उद्योग, इंजीनियरिंग उत्पादों और रासायनिक उद्योगों को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त, पशुपालन और कृषि आधारित उद्योगों को भी पहले से अधिक समर्थन मिलेगा। नए उद्योगों में पेय पदार्थ, खाद्य तेल, अनाज मिल, शराब, चीनी, सॉफ्ट ड्रिंक्स, चमड़ा, कागज, डिटर्जेंट, मोटर ट्रॉली, फैब्रिकेटेड धातु उत्पादों और नॉन-लेदर फुटवियर निर्माण को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा। इन क्षेत्रों में तेजी से विस्तार होने से स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
यूपी के योजना विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2011-12 में राज्य में पंजीकृत फैक्ट्रियों की संख्या 10,555 थी, जो 2018-19 में बढ़कर 13,783 हो गई। 2019-20 में यह आंकड़ा 14,348 तक पहुंचा, और महज तीन वर्षों में फैक्ट्रियों की संख्या 19,000 के पार हो गई। केंद्र सरकार की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2022-23 में उत्तर प्रदेश में कुल 19,102 फैक्ट्रियां पंजीकृत थीं। औद्योगिक गतिविधियों के मामले में तमिलनाडु शीर्ष स्थान पर है, इसके बाद गुजरात, महाराष्ट्र और चौथे स्थान पर उत्तर प्रदेश आता है।
मुख्य सचिव आलोक कुमार ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार भूमि आवंटन की प्रक्रिया को दोगुनी गति से आगे बढ़ाया जाएगा। राज्य सरकार जल्द ही एक नई निर्यात नीति भी लागू करने जा रही है, जिससे प्रदेश में उद्योगों के विकास को और अधिक गति मिलेगी। सरकार की इस पहल से निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा और उत्तर प्रदेश तेजी से देश का प्रमुख औद्योगिक राज्य बनने की दिशा में आगे बढ़ेगा।