यूपी में किस्तों में कर पाएंगे बिलों की पेमेंट, देखें प्रक्रिया
उत्तर प्रदेश में स्थित लखनऊ, कानपुर, आगरा, प्रयागराज, वाराणसी और झांसी नगर निगम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है. अब इन शहरों के नागरिकों को अपने मकानों से संबंधित चार तरह के टैक्स गृह कर, जल कर, जल मूल्य और सीवर शुल्क के लिए अलग-अलग बिलों का भुगतान नहीं करना पड़ेगा. नगर विकास विभाग ने इन सभी करों को एकीकृत करते हुए एक नई बिलिंग प्रणाली शुरू कर दी है, जिससे बिलिंग व्यवस्था अधिक सरल और पारदर्शी बन सकेगी. नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी किया है. नए आदेश के मुताबिक, अब इन 6 नगर निगमों में नागरिकों को साल में केवल एक बार संयुक्त बिल भेजा जाएगा, जिसमें सभी चार टैक्स का विवरण शामिल होगा. हालांकि, नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए उन्हें यह बिल एकमुश्त, छमाही या तिमाही आधार पर चुकाने की सुविधा भी दी गई है.
अब तक की व्यवस्था में लोगों को हर टैक्स के लिए अलग-अलग बिल मिलते थे, जिससे ना केवल समय की बर्बादी होती थी, बल्कि भुगतान में भ्रम और देरी भी होती थी. नागरिकों को शिकायत रहती थी कि कभी गृह कर का बिल आता है, तो कभी जल मूल्य का, और इन सबको ट्रैक करना मुश्किल होता था. नई व्यवस्था के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 से प्रत्येक संपत्ति के लिए एक एकीकृत बिल जारी किया जाएगा. इस बिल में चारों करों की राशि अलग-अलग स्पष्ट रूप से दिखाई जाएगी, जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी. इस नई प्रणाली को सुचारु रूप से घोषित करने के लिए नगर निगम और जलकल विभाग मिलकर 3 महीने के भीतर आवश्यक आंकड़े इकट्ठा करेंगे. सभी संपत्तियों, उनके स्वामियों, जल और सीवर कनेक्शन से संबंधित सूचनाएं एक डिजिटल डेटाबेस में संकलित की जाएंगी. इस डेटाबेस में हर संपत्ति की पहचान संख्या, जल आपूर्ति और सीवरेज कनेक्शन का पूरा ब्योरा शामिल होगा.
साथ ही, समय से पहले पूरा भुगतान करने वाले करदाताओं को सरकारी नियमों के अनुसार छूट भी दी जाएगी, जिससे समय पर टैक्स भरने को प्रोत्साहन मिलेगा. वहीं, देरी करने वालों के लिए मौजूदा अधिभार नियम लागू रहेंगे. सबसे खास बात यह है कि यह एकीकृत बिलिंग प्रणाली पूरी तरह से डिजिटल होगी. ‘ई-नगर सेवा पोर्टल’ और मोबाइल ऐप के माध्यम से नागरिक अपने बिल की जानकारी देख सकेंगे, भुगतान कर सकेंगे और किसी भी तरह की शिकायत भी दर्ज कर पाएंगे. साथ ही, जो नागरिक डिजिटल माध्यम से भुगतान करने में असमर्थ हैं, वे संबंधित नगर निगम के काउंटरों पर जाकर भी यह प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे. यह कदम सरकार की ई-गवर्नेंस नीति की दिशा में लाभदायक कार्य माना जा रहा है.
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शोभित पांडेय एक समर्पित और अनुभवशील पत्रकार हैं, जो बीते वर्षों से डिजिटल मीडिया और ग्राउंड रिपोर्टिंग के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। खबरों की समझ, तथ्यों की सटीक जांच और प्रभावशाली प्रेज़ेंटेशन उनकी विशेष पहचान है। उन्होंने न्यूज़ राइटिंग, वीडियो स्क्रिप्टिंग और एडिटिंग में खुद को दक्ष साबित किया है। ग्रामीण मुद्दों से लेकर राज्य स्तरीय घटनाओं तक, हर खबर को ज़मीनी नजरिए से देखने और उसे निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत करने में उनकी विशेष रुचि और क्षमता है।