यूपी में इस नेशनल हाईवे के निर्माण को लेकर सामने आयी सच्चाई
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यूपी सरकार सड़क व्यवस्था उच्च कोटि मानको में बने इसके लिए अरबो रूपये झोंक रही है. भाजपा की सरकार में सड़क परियोेजनाओ को प्रथम प्राथमिकता दी है जिससे वाहनो और राहगीरो को मुश्किलो का सामना न करना पड़े. लेकिन यूपी सरकार इस मामले में विफलता की ओर दिखाई दे रही है. सरकार मीडिया चैनलो में विकास कार्यो की महिमा मण्डन इस प्रकार करती हो जैसे देश में जिम्मेंदार अधिकारियो में भ्रष्टाचार मुक्त हो गया हो.
यूपी सरकार का दावा फेल
यूपी के महाराजगंज जिले में जब धरातल पर विकास कार्यो की निगरानी जनता द्वारा की गई. तो अधिकारियो पर सवाल उठ रहे है. हाल में बने नेशनल हाईव-730 सड़को की हालात जब सामने आयी तो निर्माण कार्य कार्यदायी संस्था पर भ्रष्टाचार का आशंका जनता द्वारा जताई गई. निर्माण कार्य के कुछ महीनो बाद इस सड़क की हालात नरकीय दृश्य हो गया. इस भ्रष्टाचार से आम जनता में व्यापक स्तर पर रोष व्याप्त है और सवाल किये जा रहे है
आखिर सरकार और सरकार के कर्मचारी किस बात वेतन हर महीने प्राप्त करते है. जबकि यह अधिकारी और खुद सरकार इन्हीं रास्तो से होकर गुजरती है इधर सड़को की हालात इस तरह हो गई इसमंे साफ तौर से यह नहीं पता चल रहा सड़क में गड्डा है या गड्ो के ऊपर सड़क. सड़क पर उखड़ी गड्डे और परते दोनो इस बात की गवाही देती है. सिर्फ वाहनो की आवाजाही ही नही बाधित होती बल्कि दुर्घटनाओ को मौत का दावत दे रही है.
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स्थानीय लोगो में आक्रोश
अब लगातार मिल रही शिकायतो के बाद एनएचआई गोरखपुर मौके पर पहुंची. वहीं प्रारंभिक जांच में निर्माण कार्य मंे लापरवही और घटिया स्तर की साम्रगी के साक्ष्य दिखाई पडे़. टीम ने नाली निर्माण के पास सरिया की गुणवक्ता की गहन रूपर से निरीक्षण किया. फीते से माफ लेकर लम्बाई चौड़ाई मापी गई फिर क्षतिग्रस्त जगहो पर भौतिक रूप से जांच कार्य जारी रहा. यहां स्थानीयो और समाजसेवियो ने जमकर विरोध किया कहा जिला प्रशासन और संबंधित विभाग जांच कार्यवाही कर तत्काल पुनः निर्माण कार्य करवाया जाए.
ठेकेदारो की जमानत राशि जब्त की जायें और अपराधियो के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएं. टीम ने साक्ष्य एकत्र करन के बाद रिपार्ट तैयार करनी शुरू दी. जिम्मेदार अधिकारियो से स्थानीयो लोगो ने पूछा करोड़ो की लागत से बनी यह सड़के इतनी जल्दी कैसे घ्वस्त हो गई. अगर सड़क सही मानको के साथ निर्माण हुआ तो इतना जर्जर नही होता. यह मामला सिर्फ निर्माण कार्य एजेंसी पर सवाल नही है यूपी सरकार पर सवाल है सरकार क्यों नही धरातल पर उतरकर खुद निरीक्षण कर रही है.