वाराणसी में बिछाई जाएगी रेल लाइन, जल्द शुरू होगा निर्माण

उत्तर प्रदेश: वाराणसी के रामनगर में बन रहे मल्टीमॉडल टर्मिनल की समीक्षा मंडलायुक्त एस. राजलिंगम ने की. यह परियोजना पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत को जोड़ने वाले माल परिवहन के बड़े केंद्र के रूप में विकसित की जा रही है.
सोमवार को मंडलायुक्त श्री एस. राजलिंगम ने वाराणसी के रामनगर क्षेत्र में निर्माणाधीन मल्टीमॉडल टर्मिनल का गहन निरीक्षण किया है. निरीक्षण के दौरान उन्होंने न केवल टर्मिनल पर खड़ी नावों (बोट्स) की स्थिति का जायज़ा लिया, बल्कि आसपास की बस्तियों और रिहायशी इलाकों से आने वाले जल के निस्तारण हेतु प्रस्तावित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की योजना को भी देखा. इसके अतिरिक्त, उन्होंने मल्टीमीडिया मॉडल जेट्टी के तकनीकी और निर्माणात्मक पहलुओं को भी बारीकी से समझा. इस टर्मिनल परिसर में लगभग 100 एकड़ भूमि पर आधुनिक 'फ्रेट विलेज' विकसित किया जाएगा, जो कि माल ढुलाई और परिवहन के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा. परियोजना के अंतर्गत दो महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-7 और एनएच-2 को सड़क मार्ग से सीधे इस टर्मिनल से जोड़ा जाएगा, जिससे लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को अभूतपूर्व मजबूती मिलेगी.
इसके अतिरिक्त, जिवनाथपुर रेलवे जंक्शन से फ्रेट विलेज तक 5.1 किलोमीटर लंबी नई रेलवे लाइन बिछाई जाएगी, जिससे दिल्ली-हावड़ा फ्रेट कॉरिडोर और यह नया केंद्र सीधे रेल नेटवर्क से जुड़ जाएगा. यह जुड़ाव माल परिवहन की गति और क्षमता दोनों को बढ़ाने वाला साबित होगा. मंडलायुक्त ने बताया कि इस परियोजना के पूरा होते ही पूर्वोत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक माल ढुलाई के लिए एक निर्बाध गलियारा तैयार हो जाएगा. फ्रेट विलेज को राल्हूपुर स्थित मल्टीमॉडल टर्मिनल से भी जोड़ा जाएगा, जिससे राष्ट्रीय जलमार्ग-1 के माध्यम से हल्दिया तक जल परिवहन के जरिये भारी मात्रा में कार्गो भेजना आसान होगा. यह योजना न केवल स्थानीय रोजगार के अवसरों में वृद्धि करेगा, बल्कि वाराणसी को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय व्यापार मानचित्र पर एक नई पहचान भी दिलाएगा. आने वाले सालों में यह टर्मिनल क्षेत्रीय विकास का प्रमुख केंद्र बनने की ओर आगे बढ़ेगा.