लखनऊ मेट्रो में आएगा बड़ा बदलाव, बिना तारों के होगा संचालन
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राजधानी लखनऊ में मेट्रो संचालन में व्यापक बदलाव किया गया है. इस संचालन में बहरी विद्युतीकरण को हटाया गया है. यह प्रयास रेल यात्रियो के लिए खास माना जा रहा है. इस डिजीटिलीकरण से किसी भी प्रकार का खतरा नही होगा. मेट्रो ट्रेन अब यूपी के राजधानी लखनऊ में इतिहास रचेगा. मेंट्रो संचालन को लेकर रेल यात्रियो ने सराहना की है.
मेट्रो ट्रेन दौडेगी बिना वायर वाले तार से
लखनऊ मेट्रो अब बिना ओवरहेड वायर के चलेगी. मेट्रो ट्रेन ओवरहेड वायर के बजाय एक नईं तकनीक से बिजली प्राप्त करेगी. यह प्रणाली अन्य शहरो में भी लागू किया जायेगा. इसके लिए थर्ड रेल सिस्टम अपनाया जाएगा. जो ट्रेन के पास जमीन पर एक अतिरिक्त रेल लाइन होगी, जिससे टेªनें बिजली प्राप्त करेंगी. इस बदलाव का मुख्य कारण पतंगबाजी से होने वाली समस्याएं है. अगर हम बात करे चाइनीज माझे की बनी पतंगे ओवरहेड वायर से टकराकर उन्हें नुकसान पहुंचाती है. जिससे मेट्रो सेवाएं प्रभावित होती है.
इस नई व्यवस्था से न केवल मेंट्रो की विश्वसनीयता बढ़ेगी, बल्कि शहर की दृश्यता भी बेहतर होगी. क्योकि ओवरहेड वायर की आवश्यकता नहीं रहेगी. लखनऊ के चारबाग से बसंतकुज के बीच जब मेट्रो ट्रेन दौड़ने के बाद इलेक्ट्रिक वायर का झाम नहीं रहेगा. यह कार्य प्रणाली दिल्ली मेट्रो टेªन के तर्ज पर काम करेगा. अब बिना बिजली के तार से मेट्रो का पाहिया चलेगा. थर्ड रेल सिस्टम से निर्बाध बिजली की आपूर्ति होगी. इस रूट पर इलेक्ट्रिक सप्लाई देने के लिए ओवर हेड इलेक्ट्रिक वायर का उपयोग किया जा रहा है. यह एक विशेष तरह की स्टील से बनी लाइन होती हैं. जिसमें इलेक्ट्रिकसिटी का प्रवाह होगा. इस मैथेड को कंडक्टर रेल के नाम से जाना जाता है.
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लखनऊ पतंगो बाजो पर लगा ब्रेक
यूपी सरकार ने इस कार्य को करने के लिए अधिकारियो को सख्त निर्देश दिये है. चारबाग से बसंतकुज दूसरे चरण में ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर के काम में तेजी लाने के लिए कहा गया है. यह रूट मेट्रो स्टेशन चारबाग, सरफाराजगंज, सिटी रेलवे स्टेशन, मेडिकल चौराहा, आमीनाबाद, पाडेयगंज, मूसाबाग, बसंतकुत गौतमबद्ध मार्ग और नबाबगंज समेंत कई रूटो पर मेट्रो फर्राटा भरेगा. मेट्रो रेल कार्पाेरेशन के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने बताया कि लखनऊ दूसरे फेज के लिए मेंट्रो का काम शुरू होना तय है.
आगे उन्होंने कहा लखनऊ घनी आबादी वाला शहर है. और इस शहर में पतंगबाजी करने वाले की संख्या भरपूर है. इस दौरान रॉयल टेस्टिग और आगे की कार्यप्रणाली की जा चुकी है. लखनऊ में इस बार मेंट्रो ट्रेन का जो चरण है यह काफी इतिहास रचने वाला है. यहा पर इस रूट पर बिजली तार अब नजर नही आयेगें. बेहतर तकनीक का इस्तेमाल करते हुए कई जगह पर ओएचआई के बजाय थर्ड रेल सिस्टम का उपयोग किया जायेगा. थर्ड रेल सिस्टम से निर्बाध बिजली का उपयोग चुस्त-दुरूस्त रहेगां. कई बार ऐसा होता है ओएचआई टेक्निकल फॉल्ट की वजह से टेªनो का संचालन बन्द रहता है. बिना किसी बाधा के मेंट्रो ट्रेन रेल पटरी पर दौड़ती रहेगी.