यूपी के इस बस अड्डे का निर्माण शुरू, यात्रियों को मिलेगी यह सुविधा
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उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्यभर में बस यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए बस स्टेशनों के आधुनिकीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. इस पहल के तहत, पुराने और खस्ताहाल बस स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा. जिससे यात्रियों को अधिक आरामदायक और सुविधाजनक यात्रा अनुभव मिलेगा.
यात्रियों को मिलेगी सहूलियत
राज्य के प्रमुख शहरों में बस स्टेशनों का पुनर्निर्माण किया जाएगा. जिसमें वातानुकूलित लाउंज, रेस्टोरेंट, शॉपिंग मॉल, और बैंक एटीएम जैसी सुविधाएँ शामिल होंगी. इसके अलावा पानी के कियोस्क, शौचालय, और मनोरंजन के लिए थिएटर जैसी सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई जाएँगी. शहर में जाम की समस्या से निजात दिलाने व यात्रियों को सहूलियत देने के लिए शहर के चार प्रवेश द्वारों पर ही बस स्टेशन बनाने की तैयारी है. बस स्टेशन बनने के बाद शहर के अंदर इलेक्ट्रिक बस व शहर से बाहर रोडवेज की बसें चलाई जाएंगी. कोनी व बाघागड़ा में जमीन चिह्नित कर आगे की प्रक्रिया रुकी हुई है. इसके लिए अब प्रशासन से परिवहन निगम स्थानीय स्तर पर पहल करेगा. यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रोडवेज की बसों में स्लीपर सुविधा, बेहतर सीटिंग, और लगेज की बेहतर व्यवस्था की जाएगी.
इसके अलावा. नई बसों के बेड़े में शामिल होने से यात्रियों को अधिक आरामदायक यात्रा का अनुभव होगा. इन सुधारों को लागू करने के लिए सार्वजनिक.निजी साझेदारी मॉडल अपनाया जाएगा. जिससे निजी निवेशकों की भागीदारी से बस स्टेशनों का विकास और रखरखाव सुनिश्चित किया जा सके. आधुनिक सुविधाओं से लैस बस स्टेशनों और नई बसों के माध्यम से यात्रियों को एक बेहतर और आरामदायक यात्रा अनुभव मिलेगा. नई बसों के संचालन से यात्रियों को सुरक्षित और समयबद्ध यात्रा की सुविधा मिलेगी. जिससे उनके समय की बचत होगी। इस पहल से न केवल यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी. बल्कि राज्य की परिवहन व्यवस्था में भी सुधार होगा. जिससे आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि और रोजगार के अवसरों में विस्तार होगा.
बस स्टेशन का निर्माण अब पकड़ेगा रफ्तार
उत्तर प्रदेश में बस स्टेशनों के निर्माण और आधुनिकीकरण की प्रक्रिया में तेजी आई है. जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधाएँ और सुविधाजनक यात्रा अनुभव मिलेगा. उत्तर प्रदेश सरकार ने सात प्रमुख बस स्टेशनों के विकास के लिए सार्वजनिक.निजी साझेदारी ;पीपीपी मॉडल को मंजूरी दी है. इन परियोजनाओं के तहत. इन बस स्टेशनों को 90 वर्षों के लिए लीज पर दिया जाएगा. इस पहल से इन स्टेशनों का आधुनिकीकरण होगा. जिसमें आधुनिक सुविधाएँ जैसे वातानुकूलित लाउंज, रेस्टोरेंट, शॉपिंग मॉल, और बैंक एटीएम जैसी सेवाएँ शामिल होंगी. बस स्टेशन बनाने के लिए तीन से पांच एकड़ एरिया की आवश्यकता होगी. जिस तरह तेजी से शहर का विस्तार हो रहा है.
उसी तरह से शहर में ट्रैफिक का दबाव दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. आने वाले 30 सालों की जरूरतों को ध्यान में रखकर इसे बनाया जाएगा. शासन का यह भी निर्देश है कि अगर जमीन नहीं मिल रही हो तो किसानों से 90 साल के पट्टे पर जमीन ली जाए. छोटे-छोटे किसानों को जोड़कर उपयुक्त जमीन तैयार की जाए. काश्तकरों से भी एक ही जगह ज्यादा एरिया में जमीन ली जा सकती है. शहर के देवरिया रोड पर कुनराघाट से आगे, लखनऊ रोड पर गीडा के निकट बाघागाड़ा और कोनी में इसे बनाने की योजना है. परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक लव कुमार सिंह का कहना है कि बस स्टेशन बन जाने से शहर में जाम की स्थिति से निजात मिलने के साथ ही यात्रियों को सहूलियत मिलेगी. इसके निर्माण की प्रक्रिया में रफ्तार लाने के लिए प्रशासन से पहल की जाएगी.