यूपी के इस रेलवे स्टेशन का टर्मिनल के तरह किया जा रहा विकास
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कानपुर शहर में ट्रैफिक की भीड़.भाड़ और पैदल चलने वालों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हाल ही में गोविंदपुरी क्षेत्र में एक नया पैदल पुल बनाया गया है. यह पुल न केवल शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने में मदद करेगा. बल्कि यह उत्तर मध्य रेलवे मंडल ;वेस्टर्न रेलवे का सबसे चौड़ा पैदल पुल बनकर भी एक नई पहचान बना चुका है. इसके निर्माण की प्रक्रिया और इसके द्वारा शहरवासियों को होने वाले लाभों पर चर्चा करेंगे.
गोविंदपुरी में बना मंडल का सबसे चौड़ा पैदल पुल
इस पैदल पुल को मंडल का सबसे चौड़ा पैदल पुल होने का गौरव प्राप्त है. इसका आकार और डिज़ाइन खासतौर पर इस तरह से तैयार किया गया है कि इसमें एक समय में कई लोग आराम से चल सकें. जो पहले बनाए गए अन्य पैदल पुलों के मुकाबले काफी ज्यादा है. इसके चौड़े डिज़ाइन के कारण यह शहर में पैदल यात्रियों के लिए एक सुविधाजनक रास्ता साबित होगा. जो पहले संकरे पुलों के कारण दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते थे. गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन को दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल जैसा बनाने की दिशा में एक कदम और बढ़ा है. यहां उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल का सबसे चौड़ा पैदल पुल बन गया है. 32 मीटर लंबा पैदल पुल भविष्य की योजना को ध्यान में रखते हुए 12 मीटर चौड़ा बनाया गया है। इसकी लागत 6.5 करोड़ रुपये आई है.
अभी तक रेलवे में छह मीटर चौड़े पैदल पुल ही बन रहे थे, ये दोगुणा है. इससे भीड़ अधिक होने पर यात्रियों को आवाजाही में दिक्कत नहीं होगी. भविष्य में टर्मिनल के रूप में विकसित किए जा रहे स्टेशन में यात्रियों की सुविधा के लिए पैदल पुल के दोनों तरफ कम ऊंचाई की सीढ़ियां बनाई गई हैं, जो बुजुर्गों के लिए लाभप्रद होंगी. स्टेशन के बाहर भी जगह अधिक है, जिससे पार्किंग स्थल अच्छा हुआ है. महाकुंभ, विशेष पर्वों पर होल्डिंग एरिया यानी आश्रय स्थल बनाना आसान होगा. स्टेशन के अंदर प्लेटफार्म पर ग्रेनाइट लगाए गए हैं, जिससे सुंदरता बढ़ी है. वातानुकूलित प्रतीक्षालय में यात्री सोफे पर बैठकर ट्रेन का इंतजार करते हैं. ठंडे पानी के लिए मशीन, आरक्षण केंद्र व जनरल टिकट घर बेहतर हुआ है. स्टेशन परिसर में विशेष प्रकाश व्यवस्था की गई है.
टर्मिनल के रूप में किया जा रहा विकसित
इस पुल के निर्माण में आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया है. ताकि यह लंबे समय तक सुरक्षित और मजबूत बना रहे. पुल की संरचना में उच्च गुणवत्ता वाले सामग्री का इस्तेमाल किया गया है. इसके निर्माण में मुख्य रूप से स्टील और कंक्रीट का प्रयोग किया गया है. जिससे पुल की मजबूती और स्थायित्व सुनिश्चित हो सके. इसका निर्माण कार्य नगर निगम और रेलवे विभाग के संयुक्त प्रयासों से हुआ है. जो कि कानपुर के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है. ऐसे ही अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत सेंट्रल स्टेशन, गोविंदपुरी, पनकी धाम व अनवरगंज रेलवे स्टेशन के कायाकल्प में भी आधुनिक यात्री सुविधाएं मुहैया कराने का काम चल रहा है. पहले चरण के कार्य पूरे होने के बाद यात्रियों को और आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.
गोविंदपुरी स्टेशन दक्षिण क्षेत्र का प्रमुख स्टेशन है. यहां से मुंबई, बुंदेलखंड रूट की ट्रेनें गुजरती हैं, जबकि दिल्ली-हावड़ा रूट की कई ट्रेनें सेंट्रल के बजाय इसी रेलवे स्टेशन से होकर सीधे प्रयागराज जा रही हैं. इसलिए यहां वाशिंग एप्रन भी बना है. 24 कोच की ट्रेनों में पानी भरने के इंतजाम किए गए हैं. कानपुर जैसे बड़े और व्यस्त शहर में पैदल यात्रियों के लिए एक सुरक्षित मार्ग प्रदान करना बेहद जरूरी है. इस नए पैदल पुल के निर्माण से गोविंदपुरी और आसपास के इलाकों में पैदल चलने वालों के लिए एक सुरक्षित और निर्बाध मार्ग मिलेगा. पहले ट्रैफिक के दौरान पैदल यात्री सड़क पार करते समय जोखिम का सामना करते थे. जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता था. अब इस पुल के बन जाने सेए लोग बिना किसी डर के सुरक्षित रूप से सड़क के पार कर सकते हैं. जिससे ट्रैफिक की भीड़.भाड़ में भी कमी आएगी.