योगी सरकार ने सभी विभागों के लिये जारी किया निर्देश, कर्मचारियों में आक्रोश
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प्रदेश में विभिन्न जिलों में आगामी कुछ महीनो तक हड़ताल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है जिसका उद्देश्य आवश्यक सेवाओं पर काबू सुनिश्चित करना है इस दौरान मुख्य सचिव ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी है जिसमें पूरे तरीके से स्पष्ट किया गया है.
हड़ताल करना वैध होगा - योगी
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पूर्वांचल और दक्षिणांचल डिस्कॉम की बिजली आपूर्ति व्यवस्था को निजी हाथों में देने के विरोध में इसके साथ-साथ विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन की चेतावनी और प्रदेश सरकार ने सभी विभागों निगम और स्थानीय प्राधिकरण में हड़ताल पर आदेश देकर रोक लगवा दिया है. इस दौरान ऊर्जा निगम के कर्मीको सहित राज्य सरकार के किसी भी विभाग के कर्मचारी संगठन अगले 6 माह तक किसी भी प्रकार का हड़ताल नहीं कर पाएंगे.
कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन अध्यक्ष डॉक्टर आशीष गोयल की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान बहिष्कार करने वाले लगभग लगभग 87 अभियंताओं को अब आप पत्र दिए जा चुके हैं. अब इनके खिलाफ वेतन रोकने और तबादले जैसी कार्रवाई उचित निर्णय लेकर की जाएगी इस दौरान कई बहिष्कार से बिजली आपूर्ति बिगड़ने वाले की बर्खास्त तक भी करने की तैयारी है. यूपी में निजीकरण को लेकर जिस तरह से विरोध लगातार हो रहा है उसे यह स्पष्ट तौर से साफ पता चलता है

सरकार को आशंका है कि निजीकरण का निर्णय होते ही ऊर्जा निर्गमन के अभियंता और कर्मचारी अनिश्चितकालीन कार्य को बहिष्कार करने का फैसला ले सकते हैं अब दूसरे विभाग में कर्मचारी भी बिजली कंपनियों के कर्मचारियों के समर्थन में हड़ताल में शामिल भी हो सकते हैं इस प्रकरण को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी विभागों निगमन और स्थानीय प्राधिकरण में अगले लगभग लगभग 6 महीने तक हड़ताल करने पर सख्त रोक लगा दिया है. इसी बीच प्रमुख सचिव कर्मचारी एम देवराज प्रदेश अत्यावश्यक सेवाओं का अनुसरण अधिनियम के दौरान हड़ताल पर रोक लगाने संबंधी अधिसूचना जारी कर चुके हैं.