उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन में होगी बढ़ोतरी, यात्रियों को मिलेगा लाभ

उत्तर प्रदेश: यूपी सरकार अब प्रदूषण मुक्त परिवहन प्रणाली की ओर महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट आदेशों के तहत राज्य परिवहन विभाग ने एक महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की है, जिसके अंतर्गत पुरानी डीजल चालित बसों को धीरे-धीरे कर इलेक्ट्रिक बसों में बदला जाएगा.
इस योजना के पहले चरण में कानपुर की राम मनोहर लोहिया वर्कशॉप में दो पुरानी डीजल बसों को इलेक्ट्रिक बसों में सफलतापूर्वक परिवर्तित किया जा चुका है. अब इन बसों का ट्रायल झांसी-ललितपुर रूट पर किया जाएगा, जिससे तकनीकी और व्यवहारिक परीक्षण के आधार पर आगे की योजना तैयार की जा सके.
इस योजना के अंतर्गत ‘रिट्रोफिटमेंट तकनीक’ का उपयोग किया जा रहा है. इस प्रक्रिया में बस की मौजूदा बॉडी को परिवहन निगम खुद तैयार करेगा, जबकि बैटरी, मोटर और अन्य तकनीकी सिस्टम देश की प्रमुख निजी कंपनियों जैसे कल्याणी पावर ट्रेन और Zero21 की ओर से लगाए जाएंगे.

परिवहन विभाग की बड़ी योजना है कि आने वाले सालों में 5000 इलेक्ट्रिक बसें राज्य के बस बेड़े में सम्मिलित की जाएं. इन बसों के संचालन से न सिर्फ वायु प्रदूषण में भारी गिरावट आएगी, बल्कि यात्रियों को भी अधिक स्वच्छ और शांति भरी यात्रा का अनुभव मिलेगा. विभाग पर्यावरण के प्रति संवेदनशील तकनीकों को प्राथमिकता दे रहा है, जिससे राज्य में हरित ऊर्जा में उन्नति होगी.
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यह ध्यान देने योग्य है कि हाल ही में महाकुंभ जैसे विशाल धार्मिक आयोजन में भी सरकार ने 220 इलेक्ट्रिक बसों को सेवा में लगाया था. इनमें 20 डबल डेकर एसी बसें भी थीं, जिनकी यात्रियों ने खूब सराहना की. इस योजना के सफलतापूर्वक पूर्ण होने से उत्तर प्रदेश देश के उन अग्रणी राज्यों की सूची में शामिल हो जाएगा जो इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बड़े पैमाने पर अपनाने की दिशा में आगे बढ़ चुके हैं.