सरकारी कर्मचारियों के लिए यूपी में हुआ बड़ा फैसला, पेंशन में नहीं होगी कटौती

सरकारी कर्मचारियों के लिए यूपी में हुआ बड़ा फैसला, पेंशन में नहीं होगी कटौती
Uttar Pradesh News

प्रदेश में अब सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण खबर सामने आ चुकी है. अब उनकी पेंशन राशि में किसी भी प्रकार की कटौती नहीं की जाएगी सरकार का निर्देश है कि किसी भी प्रकार की गलत वसूली भी नहीं की जाएगी संबंधित राशि ब्याज सहित वापस की जाएगी. 

कोर्ट के आदेश का पालन सख्त

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने पेंशन में कटौती संबंधित राज्य सरकार के सेवानिवृत्त शिक्षकों और विभागों के अधिकारियों तथा कर्मचारियों की हजारों याचिकाओं को निरस्त करते हुए बड़ी राहत पहुंचाई है. इस मामले को लेकर न्यायालय ने राज्य सरकार की ओर से गठित की गई कमेटी को याचिकाओं का प्रत्यावेदन लेने और तीन माह तक के अंदर इसे निरस्त करने का दिशा निर्देश दिया है.

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यह पूरा मामला पूरे तरीके से स्पष्ट है कि निस्तारण तक याचियो की पेंशन से किसी भी प्रकार की वसूली नहीं की जाएगी यह निर्देश से सख्त तरीके से दिया गया है. अब आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने पारित करवाया है याचियों की दलील यह थी कि अब सेवानिवृत्ति के समय पर पेंशन के आधार पर जो एकमुश्त धनराशि ली जाती थी अब उसकी वसूली के तौर पर याचियो के मासिक पेंशन से एक निश्चित रकम की कटौती होती रहती है.

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पेंशन कटौती में को आया बड़ा फैसला

मिली जानकारी के अनुसार बताया गया है की मासिक कटौती की धनराशि सरकारी कर्मचारी की ओर से सेवा निवृत्ति के समय-समय के साथ ली गई धनराशि के एक प्रतिशत से कुछ अधिक है. लेकिन अब इस प्रकार से जो मासिक कटौती की जा रही है अब उस कर्मचारी द्वारा लिए गए उक्त एडवांस पेंशन का भुगतान ब्याज सहित 10 साल 11 माह में हो जाता है. इस दौरान कल मिल जुलकर 11 साल किया जा रहा था लेकिन अधिक से अधिक 12 वर्ष तक यह राशि वसूल जा सकता है.

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राज्य सरकार की ओर से पेश की गई है कि 8 दिसंबर साल 2008 को शासन स्तर के जरिए मासिक कटौती की 15 वर्ष समय निर्धारित की गई थी जो विधि पूर्ण नहीं थी. इस दौरान वित्त विभाग की टीम की तरफ से न्यायालय को कहा गया है कि याचियो की समस्या को दूर करने के लिए एक कमेटी का गठन करवाया जाए. अब न्यायालय ने याचियो को एक महीने के भीतर में ही समझ प्रत्यावेदन देने का समय सीमा दिया था और उसके तत्पश्चात 3 महीने के अंदर याचियो के प्रत्यावेदनों को निस्तारित करने का दिशा निर्देश दिया है.

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