योगी सरकार बच्चों की पढ़ाई के लिए देगी 3000 रुपए, इस तरह उठाये लाभ

सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। अब इन बच्चों को कक्षा 9 से 12 तक की शिक्षा प्राप्त करने के लिए अनुदान राशि दी जाएगी। इस योजना के तहत प्रत्येक वर्ष 3000 रुपये की राशि शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए प्रदान की जाएगी।
विभाग द्वारा इस अनुदान राशि के वितरण का विवरण एकत्र किया जा रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी पात्र बच्चों को इसका लाभ मिल सके। यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में उठाया गया है, जिससे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के बच्चों को बेहतर शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
ब्लॉक में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों में कुल 175 कार्यकर्ता और सहायिकाएं कार्यरत हैं। इनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण, इनके बच्चों की शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए विभाग ने कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के माध्यम से सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है।
इस योजना के तहत, कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए हर वर्ष 3 हजार रुपये की अनुदानित राशि दी जाएगी। यह धनराशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी, जिससे उनके शिक्षा के खर्चों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
विधवा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के बच्चों को शिक्षा में विशेष सहायता प्रदान की जा रही है। इस योजना के तहत, विधवाओं के बच्चों को 50% आरक्षण का लाभ मिलेगा, जबकि छात्राओं को 25% आरक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही, आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे छात्रों के लिए भी 25% आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
इस योजना का लाभ उन सभी पात्र छात्रों के खातों में सीधे भेजा जाएगा। इसके लिए संबंधित विभाग जिले में आंकड़ों की समीक्षा कर रहा है ताकि सही जानकारी एकत्र की जा सके। कार्यकर्ताओं से उनके बच्चों की जानकारी मांगी जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी जरूरतमंद लाभार्थियों को समय पर सहायता मिल सके।
डीपीओ रबीश्वर राव ने जानकारी दी कि सरकार के निर्देशों के तहत एक सूची तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस सूची को संकलित करने के बाद आगे की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा। यह कदम शासन की योजनाओं को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। राव ने बताया कि इस प्रक्रिया के माध्यम से सभी आवश्यक जानकारी एकत्रित की जाएगी, जिससे आगे की कार्रवाई को सुचारू रूप से किया जा सके।
योगी सरकार ने दूर-दराज के क्षेत्रों में बच्चों को आधुनिक शिक्षा के संसाधनों से लैस करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया कि पहले चरण में 22,700 ग्राम पंचायतों में डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित की जाए। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना और उन्हें तकनीकी संसाधनों के माध्यम से सीखने के अवसर उपलब्ध कराना है।
बैठक में मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि शिक्षा क्षेत्र में समय के साथ निरंतर परिवर्तन हो रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को डिजिटल शिक्षा के साथ जोड़ना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए उच्च गुणवत्ता वाली अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराना भी महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने बताया कि बच्चों तक ई-बुक्स, डिजिटल सामग्री और अन्य शैक्षिक संसाधनों की पहुंच को सरल बनाना होगा, ताकि सभी विद्यार्थियों को समान अवसर मिल सके। इस दिशा में ठोस कदम उठाना आवश्यक है, ताकि शिक्षा का स्तर ऊँचा उठ सके और सभी बच्चों को उनकी क्षमता के अनुसार सीखने का मौका मिले।
डिजिटल लाइब्रेरी का महत्व इस बात को दर्शाता है कि कैसे तकनीकी संसाधनों का उपयोग शिक्षा के क्षेत्र में किया जा सकता है। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, हर ग्राम पंचायत में डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की जाएगी, जिसका संचालन ग्राम प्रधान और सचिव करेंगे। इसके साथ ही, पंचायत स्तर पर सहायक अधिकारियों की नियुक्ति भी की जाएगी, जो डिजिटल लाइब्रेरी के सुचारू संचालन और प्रबंधन में मदद करेंगे।