कानपुर के रोहन त्रिपाठी बने कर्नल, तीन पीढ़ियों से देश सेवा की परंपरा कायम
-(1).png)
यूपी में अब कई छात्रों ने इतिहास के पन्नों पर नया अध्याय लिखा है विद्यार्थी जीवन की तपस्या एक ऐसी मेहनत और संघर्ष का विधान है जिसमें पढ़ाई से प्रारंभ होकर आत्म सुधार और चरित्र निर्माण, आत्मनिर्भरता तक सफर तय होते हैं जो जीवन का स्वर्णिम काल होता है न केवल सफलता के लिए अपितु जीवन के प्रति समर्पण और आदर्श स्थापित करने के लिए भी अमूल माना जाता है.
सेना और सरकार का हर कदम पर संयुक्त समर्थन
उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में देश के भविष्य में अपनी पहचान को धरातल पर उतारा है और एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है कि जीवन में सफल होना अति आवश्यक है यह कहानी उस समय की है जब सेवा में लेफ्टिनेंट कर्नल का पद मिलने के बाद रोहन त्रिपाठी अब पहली बार पैतृक कस्बा के लिए निकले और अब पहुंच चुके हैं जिसमें कस्बा में पहुंचकर पारिवारिक जनों के साथ कस्बे के प्रधान और अन्य लोगों ने भव्य रूप से और जोरदार तरीके से स्वागत किया है.
इसी बीच घर पहुंचने की खुशी में पहले हनुमान जी के दर्शन किया गया और पूजा पाठ करके प्रसाद चढ़ाया गया है मिली जानकारी के अनुसार बताया गया है कि तीन पीढियां से इनका परिवार आर्मी की नौकरी करके देश की सेवा कर रहे हैं जिसमें आगे बताया गया है कि आर्मी में दादा कर्नल, इनके पिता कर्नल तथा चाचा भी कर्नल के बाद अब रोहन ने भी अपनी छाप जमा दी है रोहन त्रिपाठी ने लेफ्टिनेंट कर्नल बनकर परिवार और पूरे कानपुर शहर का नाम गौरव से बढ़ाया है कानपुर के चौबेपुर कस्बे के रोहन त्रिपाठी मूल निवासी हैं.
भारत का सामान्य परिचय कुछ पल में
रोहन त्रिपाठी ने कहा है कि भारत एक आधिकारिक रूप से गणराज्य कहा जाता है जिसमें दक्षिण एशिया में स्थित एक विविधता पूर्ण और ऐतिहासिक राष्ट्र है दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और सातवां सबसे बड़ा देश है जिसमें भारत का संविधान देश के न्याय प्रणाली का स्त्रोत है जिसमें सिंधु घाटी की सभ्यता जिसे हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता है.
जहां पर राम, कृष्ण, बुद्ध, महावीर, कबीर, महात्मा गांधी तमाम महान पुरुषों का जन्म और योगदान स्मरणीय है. आगे उन्होंने कहा है कि महात्मा गांधी की अगुवाई में अहिंसक आंदोलन और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्षों के परिणाम स्वरुप भारत को 15 अगस्त 1947 को पूर्ण रूप से स्वतंत्र करवाया गया था. आज हमारा भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में से एक बन चुका है जिसमें कृषि, उद्योग, सेवा, सूचना प्रौद्योगिकी प्रमुख क्षेत्र में शामिल किया गया है. भारत में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद सामाजिक और आर्थिक प्रगति की है जिसमें आज अब दुनिया के सबसे औद्योगिक देशों की श्रेणी में आ रहा है.