यूपी में 50 से कम छात्र वाले 300 स्कूलों को किया गया पेयर, BSA ने जारी किया आदेश

यूपी में राज्य सरकार ने स्कूल पेयरिंग नीति लागू करने की योजना बनाई है जिसमें कम नामांकन वाले सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को पास के अन्य स्कूलों से जोड़कर मर्ज किया जा रहा है जिसमें इस फैसले को लेकर शिक्षक, छात्र और अभिभावक की फीडबैक भी ली जा रही है. कम विद्यार्थी वाले सरकारी स्कूल को नजदीकी स्कूलों में पेयरिंग और मर्ज करने का दिशा निर्देश जारी हो चुका है.
स्कूलों की पेयरिंग पॉलिसी के बारे में जाने सब कुछ
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में 300 से अधिक स्कूलों को दूसरे स्कूल में भेजना की योजना तैयार की गई है जिसमें पेयर होने वाले स्कूल में 50 से कम बच्चो की संख्या थी उसके बाद पिन नंबर जनरेट होने के साथ-साथ सभी स्कूलों को पेयर किया गया उसके बाद प्रदेश सरकार को बीएसए ने रिपोर्ट भी भेजी थी पेयर हुए स्कूल के बच्चे दूसरे स्कूलों में पढ़ाई आसानी से कर पाएंगे जिसमें बीएससी कार्यालय से जारी हुआ सभी स्कूलों को दिशा निर्देश दिया जा रहा है. राज्य सरकार का दावा है कि मर्ज में सुधार आएगा और छोटे स्कूल का विलय और संसाधन साझा करना बच्चों को स्मार्ट क्लास, पुस्तकालय और खेल मैदान आदि उपलब्ध कराया जाएगा.
जाने क्या कहा राज्य सरकार ने
शिक्षा जगत प्रशासन का कहना है कि अभिभावक की अनुमति से और स्थानीय सहमति के साथ-साथ मर्ज की प्रक्रिया संचालित की जा रही है जिसमें यह नीति सरकारी स्कूलों को गुणवत्ता सुधारने के लिए लॉन्च किया गया है लेकिन इसका क्रियान्वयन ग्रामीण क्षेत्र में अभिभावक, छात्र और शिक्षक को अडचन के रूप में भी दिख रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि प्रदेश में स्कूलों में पेयरिंग पॉलिसी लागू की जा चुकी है जिसमें इस नीति के तहत दो स्कूल एक व्यवस्था के तहत जोड़ने की योजना है इनमें से एक स्कूल को प्री प्राइमरी और दूसरे को प्राइम, मिडल क्लासेज तक के लिए नामित किया जा चुका है अब नीति खासतौर पर उन स्कूलों के लिए की जा रही है जिसमें छात्र की संख्या बेहद कम है और स्कूल का संचालन व्यावहारिक रूप से चुनौती पूर्ण बन चुका है.