यूपी के इस रेलवे स्टेशन पर सेकेंड एंट्री को मिली हरी झंडी, 69 करोड़ की लागत से बनेगा ओवरब्रिज

उत्तर प्रदेश: यूपी में स्थित गोरखपुर के कैंट रेलवे स्टेशन को जल्द ही एक नई पहचान मिलने जा रही है. सालों से प्रतीक्षित सेकेंड एंट्री का रास्ता अब साफ हो गया है, जिससे यात्रियों को रेलवे क्रॉसिंग पर लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. रेलवे प्रशासन ने जीआरडी की जमीन मिलने के पश्चात प्रस्ताव तैयार कर उसे रेलवे बोर्ड को भेज दिया है. प्रस्ताव के तहत स्टेशन के दक्षिणी छोर पर 40 फीट चौड़ी और 700 मीटर लंबी सड़क को निर्मित किया जाएगा, यह एम्स के सामने वाले एयरपोर्ट रोड से जुड़ेगी.
इस सड़क के प्रारंभ होते ही सेकेंड एंट्री का एक भव्य द्वार निर्मित किया जाएगा. इसके अतिरिक्त स्टेशन के इस हिस्से पर यात्रियों के लिए नया प्लेटफॉर्म, विश्रामालय, और अन्य सुविधाएं भी निर्मित की जाएंगी. फिलहाल कैंट स्टेशन तक पहुंचने का एकमात्र रास्ता रेलवे क्रॉसिंग पार करके ही है, जहां प्रतिदिन 150 से अधिक ट्रेनें गुजरती हैं, और शंटिंग के दौरान इंजन का मूवमेंट भी होता है. इससे कई बार फाटक एक घंटे या उससे अधिक समय तक बंद रहता है, जिससे यात्री और आमजन दोनों जाम की समस्या से जूझते हैं. खासकर मोहद्दीपुर, नंदानगर, कुनराघाट, दिव्यनगर, खोराबार सहित अन्य इलाकों के लोग कैंट स्टेशन को प्राथमिकता देने लगे हैं क्योंकि यह उनके घर के नजदीक पड़ता है. एम्स में इलाज के लिए आने वाले मरीज भी इस स्टेशन को बेहतर विकल्प मानते हैं, लेकिन रेलवे क्रॉसिंग के कारण उन्हें भारी परेशानी उठानी पड़ती है. झरना टोला, गायत्री नगर, मोहनापुर, काशीपुरम, टीचर्स कॉलोनी, अयोध्यापुरम, ऊंचवा, दरगहिया, और केंद्रीय विद्यालय परिसर जैसी 14 से अधिक कॉलोनियों के लोगों को इस सेकेंड एंट्री के निर्मित होने से आवागमन में काफी राहत मिलेगी.