यूपी के इन 28 हजार गाँव से कनेक्ट होगी यूपी परिवहन की बस, 1540 नए बस रूट
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उत्तर प्रदेश शासन द्वारा 28 हजार गांवों को परिवहन सुविधाओं से जोड़ने के लिए 1540 नए बस रूट बनाए हैं। प्रयागराज महाकुंभ के दौरान 3 हजार नई बसों का संचालन इन मार्गों पर किया जाएगा। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने इस बारे में जानकारी दी है कि "इसके बाद जिन गांवों को बस सेवा से नहीं जोड़ा जा सकेगा, उन्हें मुख्यमंत्री ग्राम जोड़ो योजना के तहत बस सेवाओं से जोड़ा जाएगा।" इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन की सुविधा को बढ़ाना और लोगों को बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करना है।
मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि "परिवहन निगम में बसों की सेवा अवधि निर्धारित है। जब कोई बस 10 वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लेती है या 11 लाख किलोमीटर की दूरी तय कर लेती है, तो उसे बेड़े से हटा दिया जाता है।" सरकार की यह पहल ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में परिवहन सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कुछ बसों को वर्कशॉप में मरम्मत करके 15 सालों तक चलाया जाता है। परिवहन मंत्री ने जानकारी दी कि "कुंभ मेले से जो बसें खाली हुई हैं, उन्हें अब नए मार्गों पर चलाने का निर्णय लिया गया है।" उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में एक भी डग्गामार बस नहीं संचालित हो रही है। जो भी निजी बसें संचालित हो रही हैं, वे सभी नेशनल परमिट के तहत चल रही हैं। नए मार्गों पर बसों का संचालन न केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि इससे परिवहन क्षेत्र में भी सुधार आएगा।
मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सभी बसें नियमों का पालन करते हुए चल रही हैं, जिससे यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा में वृद्धि होगी।लेकिन, बसों को रोककर बीच में यात्रियों को सवार करने की अनुमति नहीं है, लेकिन कुछ बस संचालक इस नियम का उल्लंघन कर रहे हैं। ऐसे मामलों में जब भी साक्ष्य प्राप्त होंगे, तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
परिवहन मंत्री ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री ग्राम जोड़ो योजना के अंतर्गत उन गांवों को भी बस मार्ग में शामिल किया जाएगा, जो अब तक छूट गए थे। इस उद्देश्य के लिए छोटी बसों की खरीद की जाएगी, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन की सुविधा बढ़ाई जा सके। इसके अलावा, डीजल और इलेक्ट्रिक बसों की नई खेप भी जल्द ही आने वाली है।
समाजवादी पार्टी ने शुक्रवार 28 फरवरी को विधानसभा में बिजली के बिलों में हुई गड़बड़ी को लेकर गंभीर मुद्दा उठाया। सपा के सदस्य राजेन्द्र प्रसाद चौधरी और फहीम इरफान ने आरोप लगाया कि विद्युत विभाग में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार फैला हुआ है। उन्होंने कहा कि पहले विभाग द्वारा गलत बिल जारी किए जाते हैं, और फिर उन गलतियों को सुधारने के नाम पर उपभोक्ताओं से पैसे वसूले जाते हैं। सपा सदस्यों ने सरकार से मांग की कि इस भ्रष्टाचार की जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि किसी भी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जाती है। चाहे वह बड़ा अधिकारी हो या छोटा कर्मचारी, जो भी गड़बड़ी करेगा, उसे सख्त सजा दी जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि अब तक 3400 कर्मचारियों को गड़बड़ी के आरोप में बर्खास्त किया जा चुका है। इसके अलावा, 28 कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाएगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।