यूपी में 28 हज़ार से ज्यादे चौराहों पर होगा यह काम, 10 मीटर चौड़ी होंगी सड़क
-(1)2.png)
प्रदेश सरकार ने राज्य के तमाम चौराहों के कायाकल्प बदलने के लिए महत्वाकांक्षी योजना के माध्यम से तैयारी की जा रही हैं अब इसका उद्देश्य यातायात की सुरक्षा और मजबूती में सुधार करना पहले प्राथमिकता होगी अब इसी योजना के अंतर्गत चौराहा का चौड़ीकरण, ट्रैफिक सिग्नल, ट्रक ले बाई जैसे सुविधा का निर्माण किया जाएगा.
राज्य के विभिन्न चौराहो की बदलेगी सूरत
उत्तर प्रदेश में वर्तमान और भविष्य को देखते हुए यूपी की दो लेन सड़कों का चौड़ीकरण किया जाना है. जिसमें इन सड़कों को 10 मीटर तक चौड़ी करने का निर्णय लिया गया है अब इसके अलावा सड़क सुरक्षा के माध्यम से विभिन्न चौराहों की यथा स्थिति में काफी हद तक सुधार हो सकता है अब वही प्रदेश में व्यापक स्तर पर दो लेन से कम वाली चौड़ाई वाले रास्तों को अब कम से कम दो लाइन पेव्ड शोल्डर युक्त करवाने की हिदायत दी गई है जिसमें पैदल यात्रियों को अब सुविधा मिल पाएगा.
इसी बीच लोक निर्माण विभाग की टीम ने दो लेन सड़कों को न्यूनतम 10 मीटर चौड़ा करवाया जाएगा जिसमें इसकी लाकर लगभग लगभग 748 करोड रुपए की धनराशि खर्च की जा सकती है. अब 50 किलोमीटर से भी अधिक लंबा इस रास्ते में ट्रक-ले-बाई का निर्माण करवाया जाना है. जिसमें कुल 102 ट्रक ले बाई का निर्माण की जाने की तैयारी है. जिसको लेकर कुल 102 निर्माण कार्य निर्धारित किए जा चुके हैं अब इस निर्माण कार्य के जरिए 8,887.88 किलोमीटर लंबाई पर इन निर्माण कार्य को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया जा चुका है.
उत्तर प्रदेश में ट्रक ले बाई की आवश्यकता बढ़ी
पेव्ड शोल्डर के अंतर्गत सड़क के किनारे पटरियों को करीब करीब डेढ़ डेढ़ मीटर चौड़ाई में पक्का निर्माण कराए जाने का नियम लागू किया गया है. जिसमें पटरी के पक्की होने के बाद वाहनों का आवागमन और भी आसान व सहूलियत महसूस होगा. जिसमें पैदल चल रहे यात्री, साइकिल चलाने वालों के लिए, राहगीरों को सुविधा तथा सुरक्षा में बड़ा लाभ मिल पाएगा. पेव्ड शोल्डर युक्त का उद्देश्य यह है कि जिसमें सड़क के किनारे पक्का किया गया हिस्सा जो सड़क के दोनों तरफ होता है.
जिसमें सड़क के किनारे का वह एरिया जो वाहनों के आपातकालीन स्थिति में रुकने जैसा कि टायर फटने और ब्रेकडाउन होने पर इसका इस्तेमाल किया जाता है. इसी बीच राज्य सरकार ने सड़क सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को लेकर हाईवे पर ट्रक ले बाई योजना पर पूर्ण जोर दिया है. जिसका केवल उद्देश्य भारी वाहनों को सुरक्षा प्रदान करना और जाम की समस्या को कम करना, दुर्घटनाओं की संख्या में कमी लाना पहली प्राथमिकता है. आज वर्तमान समय में प्रदेश में हाईवे पर ट्रैकों के खड़े होने से जाम की समस्याएं भयंकर रूप से उत्पन्न होती हैं और इसी बीच सड़क दुर्घटनाओं का भी खतरा सामने रहता है.