गोरखपुर-लखनऊ लिंक एक्सप्रेस-वे का सीएम योगी करेंगे उद्घाटन, इन दो जगह होंगे समारोह
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उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में स्थित गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के लोकार्पण की तारीख निश्चित कर ली गई है. 17 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्घाटन करेंगे. विशेष बात यह है कि लोकार्पण समारोह दो अलग-अलग स्थानों पर आयोजित किया जाएगा.
पहला कार्यक्रम आजमगढ़ जिले के सालारपुर के निकट होगा, जहां यह लिंक एक्सप्रेसवे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ता है. दूसरा समारोह गोरखपुर के जैतपुर के निकट भगवानपुर टोल प्लाजा पर आयोजित किया जाएगा. बारिश होने की आशंका को देखते हुए भगवानपुर वाले कार्यक्रम को एक्सप्रेसवे पर ही करने का निर्णय लिया गया है.

सरकार से आई अधिकारियों की टीम ने बीते बुधवार को दोनों स्थलों का निरीक्षण किया. इस दौरान गोरखपुर के जिलाधिकारी कृष्णा करूणेश भी उपस्थित रहे.
इससे पहले दिसंबर 2024 में इस एक्सप्रेसवे का लोकार्पण प्रस्तावित था, परंतु कुछ निर्माण कार्य अधूरे रह जाने के कारण कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया. मार्च-अप्रैल में दोबारा तारीख निश्चित की गई, पर बेलघार के कम्हरियाघाट पुल के पास मिट्टी कटाव के कारण फिर से योजना टल गई.
अब संबंधित सभी निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं. कम्हरियाघाट पुल के पास एप्रोच रोड की मरम्मत पूरी कर ली गई है. नदी की दिशा मोड़कर एप्रोच को त्रि स्तरीय सुरक्षा प्रदान की जा रही है. सेतु निगम का दावा है कि निश्चित समय पर सभी कार्य पूरे कर लिए जाएंगे.
23 अप्रैल को खुद कमिश्नर अनिल ढींगरा और जिलाधिकारी कृष्णा करूणेश ने निर्माण कार्य का निरीक्षण किया था. उसी शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रोजेक्ट की समीक्षा कर कार्यदायी एजेंसी को समयसीमा में काम पूरा करने का आदेश दिया था.
लोकार्पण के दिन मुख्यमंत्री पहले सालारपुर में जनसभा को संबोधित करेंगे, फिर एक्सप्रेसवे से सफर कर गोरखपुर आएंगे. 90 किलोमीटर की दूरी तय कर वे भगवानपुर टोल प्लाजा पहुंचेंगे, जहां दूसरा समारोह आयोजित होगा.
इस परियोजना से गोरखपुर, अंबेडकरनगर, संतकबीरनगर और आजमगढ़ जिलों के लोगों को काफी लाभ मिलेगा. लखनऊ तक की यात्रा अब 3.30 से 4 घंटे में पूरी हो सकेगी. हालांकि दूरी थोड़ी अधिक है, परंतु बिना किसी बाधा के सफर तेज और सुगम होगा.
यह ध्यान देने योग्य है कि यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर के जैतपुर से शुरू होकर आजमगढ़ के सालारपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ता है. 91.35 किलोमीटर लंबा यह रूट करीब 7,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ है.