यूपी में इस ओवरब्रिज का काम जल्द होगा पूरा, इन रूट पर हो जाएगी आसानी
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उत्तर प्रदेश के वाराणसी में यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में तय समय में योजनाओं को पूरा करने पर विभागों का जोर रहता है, लेकिन कज्जाकपुरा रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण अब तक पूरा नहीं हो सका है। कज्जाकपुरा आरओबी का निर्माण सितंबर 2019 में शुरू कराया गया था। जून 2022 में इसको बनकर तैयार हो जाना था, लेकिन पांच साल बीतने के बाद भी कज्जाकपुरा आरओबी के निर्माण की योजना को पूरा नहीं कराया जा सका है।
कज्जाकपुरा आरओबी का कब पूरा होगा निर्माण
पोर्टेबल फ्रेम तकनीक का उपयोग करके निर्मित कज्जाकपुरा रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) पर रेलवे अंडरपास के लिए बो स्ट्रिंग गर्डर की लंबाई को लेकर वर्षों से चल रहा विवाद आखिरकार सुलझ गया है। उत्तर प्रदेश सेतु निगम ने दोनों तरफ खंभों का निर्माण पूरा कर लिया है, लेकिन गर्डर रखने के लिए रेलवे बोर्ड से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मिलने के कारण आगे का काम रुका हुआ है। शुरुआत में राजकीय सेतु निगम ने रेलवे बोर्ड को संशोधित गर्डर डिजाइन प्रस्तुत किया था, जिसे तकनीकी चिंताओं के कारण अस्वीकार कर दिया गया था। कई पत्राचार और बैठकों के बाद अब डिजाइन को अंतिम रूप दे दिया गया है, जिसमें गर्डर की लंबाई 64 मीटर तय की गई है। कज्जाकपुरा रेलवे क्रॉसिंग शहर के सबसे अधिक जाम लगने वाले स्थलों में शामिल है। यहां आरओबी बनने से जीटी रोड से गाजीपुर फोरलेन, पंचकोशी, आशापुर, सारनाथ आदि जाना सुगम हो जाएगा। साथ ही जीटी रोड से गाजीपुर जाना भी आसान हो जाएगा। इसके अलावा अलईपुरा और जबीरपुरा रेलवे क्रॉसिंग पर वाहनों का दबाव भी इससे कम करने में मदद मिलेगी।
कज्जाकपुरा ओवरब्रिज परियोजना अंतिम चरण में
कज्जकपुरा स्थित रेलवे क्रॉसिंग संख्या 23, पर सितंबर 2019 में आरोपी का निर्माण शुरू कराया गया। इस आरओबी के निर्माण कार्य को जून 2022 में पूरा कराने की योजना थी। कज्जाकपुरा से सरैया तक 144 करोड़ की लागत से 1355.51 मीटर लंबा ओवरब्रिज बन रहा है। इसमें 55 पिलर बनाए गए हैं। जीटी रोड की ओर से काम शुरू हुआ है। भवन, सीवर, पेयजल, पाइपलाइन, बिजली के पोलों की वजह से विभागीय समन्वय न होने से बाधा भी आई। मंजूरी मिलने के बाद काम में तेजी लाने के लिए राज्य सेतु निगम ने बो स्ट्रिंग गर्डर के लिए जरूरी अधिकांश उपकरण पहले ही खरीद लिए हैं। हालांकि, कुछ दिन पहले रेलवे ने यह कहते हुए एनओसी देने से मना कर दिया था कि कुंभ के दौरान ट्रेनों का संचालन बाधित नहीं किया जा सकता। अधिकारियों के अनुसार, लॉन्चिंग योजना की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और फाइल रेलवे बोर्ड को मंजूरी के लिए भेज दी गई है, जो मार्च तक मिलने की उम्मीद है। मंजूरी मिलते ही राजकीय सेतु निगम गर्डर प्लेसमेंट की तैयारी शुरू कर देगा। इस स्थिति में तीन सालों में काम महज 25 फीसदी ही पूरा हो पाया। निर्माण पूरा होने की तिथि अब तक छह बार बढ़ाई जा चुकी है। कज्जाकपुरा आरओबी का निर्माण करा रही एजेंसी यूपी राज्य सेतु निर्माण निगम को डिजाइन में भी संशोधन करना पड़ा है। इस समय रेलवे क्रॉसिंग से रेल अंडरपास के बीच स्पैन स्टील गार्डर लॉन्चिंग का काम चल रहा है। इस आरओबी में कुल 36 स्टील गार्डर लगाए जाने हैं। इनमें से 18 गार्डर को लगाया जा चुका है। राज्य सेतु निगम ने अब स्लैब ढालने का भी काम शुरू कर दिया है। सेतु निगम के उप मुख्य परियोजना प्रबंधक एसके निरंजन ने कहा कि स्टील गार्डर लॉन्चिंग का काम तेज कर दिया गया है।
प्रगति के बावजूद, किसी भी अधिकारी ने लॉन्चिंग योजना के विवरण पर टिप्पणी नहीं की है।
कज्जाकपुरा आरओबी अवलोकन
कुल लंबाईरू 1,355.51 मीटर
परियोजना लागतरू 14,452.56 लाख रुपये
निर्माण प्रारंभरू सितंबर 2019
कुल स्तंभरू 54