यूपी में इस रूट की सड़क का होगा निर्माण, इन गाँव का सफर होगा आसान
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उत्तर प्रदेश: रमईडीह मुड़िला-मिश्रीडीह मार्ग पर वर्षों से बदहाल सड़क की परेशानी झेल रहे लोगों को अब जल्द ही राहत मिलने जा रही है. आने वाली बरसात से पहले ही लगभग 18.71 लाख रुपये की लागत से इस सड़क का पुनर्निर्माण किया जाएगा. सड़क मरम्मत की शुरुआत होते ही क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई है.
सिद्धार्थनगर जिले के रमईडीह मुड़िला से लेकर ग्राम पंचायत मिश्रीडीह तक की सड़क बीते कई सालों से पूरी तरह टूट-फूट चुकी थी. गड्ढों से भरी इस सड़क पर चलना लोगों के लिए रोज़ाना एक बड़ी चुनौती बन गया था. खासकर बरसात के मौसम में यह रास्ता कीचड़, जलभराव और फिसलन से और भी खतरनाक हो जाता था. लंबे समय से ग्रामीण इस सड़क की मरम्मत की मांग कर रहे थे लेकिन उनकी आवाज़ अनसुनी रह जाती थी.
स्थानीय लोगों ने जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक कई बार शिकायतें दर्ज कराईं. उन्होंने पंचायत बैठकों से लेकर तहसील दिवस तक हर मंच पर इस मुद्दे को उठाया. अंततः उनकी कोशिश रंग लाई जब लोक निर्माण विभाग (PWD) ने इस सड़क के निर्माण के लिए एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा. शासन की स्वीकृति मिलते ही प्रक्रिया ने रफ्तार पकड़ ली है.
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क्षेत्र निवासी अनूप पांडेय, राजेंद्र, धर्मप्रकाश, मोहित और विक्की ने बताया कि यह सड़क आसपास के गांवों को मुख्य मार्गों से जोड़ने का एकमात्र रास्ता है. ग्रामीण स्कूल, बाजार, अस्पताल और अन्य जरूरी कार्यों के लिए इसी मार्ग से आवाजाही करते हैं. बारिश के समय यह सड़क दलदल में बदल जाती है और बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कई बार तो एंबुलेंस तक गांव नहीं पहुंच पाती थी.
उन्होंने बताया कि सड़क की खराब हालत के कारण वाहनों की स्थिति खराब हो जाती थी और लोगों को अतिरिक्त खर्च का सामना करना पड़ता था. कई दुपहिया वाहन चालकों को गिरने और घायल होने तक की नौबत आई. गांव की महिलाएं और बुजुर्ग इस सड़क से गुजरने से कतराते थे.
पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता राजेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि "शासन से 18.71 लाख रुपये की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है. उन्होंने कहा कि विभाग ने निर्माण कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी है." उनका कहना है कि निर्माण कार्य को मानसून से पहले पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि बारिश के समय लोगों को किसी भी तरह की दिक्कत न झेलनी पड़े.

उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सड़क निर्माण में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. सड़क के किनारे जल निकासी की भी व्यवस्था की जाएगी ताकि भविष्य में जलभराव की समस्या ना हो. विभागीय इंजीनियरों की निगरानी में निर्माण कार्य कराया जाएगा और ग्रामीणों से फीडबैक लेकर ज़रूरत के अनुसार सुधार भी किया जाएगा.
इस सड़क के बनने से ना सिर्फ ग्रामीणों की आवाजाही सुगम होगी बल्कि क्षेत्र में व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच भी आसान हो जाएगी. स्थानीय किसान अपने उत्पादों को बाजार तक जल्दी पहुंचा सकेंगे, जिससे उन्हें बेहतर दाम मिलने की संभावना बढ़ेगी.