यूपी में बिजली विभाग से लोग परेशान, गर्मी से हालत खराब
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उत्तर प्रदेश इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में है. सूरज आसमान से आग बरसा रहा है और तापमान लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है. दिन में सड़कों पर सन्नाटा छाया रहता है. लोग घरों में दुबकने को मजबूर हैं. लू के थपेड़े इंसानों ही नहीं. पशुओं और पेड़.पौधों को भी झुलसा रहे हैं.
सूरज की तपिश से झुलस रहा उत्तर प्रदेश
प्रदेश के कई जिलों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया है. लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज और आगरा जैसे शहरों में हालत और भी गंभीर है. मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक राहत की कोई उम्मीद नहीं जताई है. बल्कि हीटवेव के और तेज़ होने की चेतावनी दी है. उत्तर प्रदेश में इन दिनों गर्मी अपने चरम पर है. पूरे प्रदेश में तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है और लू के थपेड़े आम जनजीवन को बेहाल कर रहे हैं. आसमान से आग बरसती प्रतीत हो रही है और सड़कें दोपहर के समय सुनसान हो जाती हैं. मौसम विभाग ने आने वाले कुछ दिनों में और अधिक गर्मी की चेतावनी जारी की है, जिससे लोगों की चिंता और बढ़ गई है. प्रदेश के कई जिलों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है.
राजधानी लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी और झांसी जैसे शहरों में हालात और भी विकराल हैं. डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने लोगों को दिन के समय घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है, विशेषकर बुजुर्गों और बच्चों को. गर्मी के कारण अस्पतालों में हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. कई स्कूलों ने बच्चों की छुट्टियां पहले कर दी हैं और कामकाजी लोग भी घर से काम करने को प्राथमिकता दे रहे हैं. राज्य सरकार द्वारा टैंकरों से पानी की आपूर्ति, छायादार स्थानों पर कूलर और पंखों की व्यवस्था, और आम जनता के लिए पानी के प्याऊ लगाने जैसे कदम उठाए जा रहे हैं. इसके अलावा, किसानों को भी खेतों में सावधानी बरतने की सलाह दी गई है, क्योंकि अधिक तापमान फसलों को नुकसान पहुँचा सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के चलते इस तरह की तीव्र गर्मी अब आम होती जा रही है. ऐसे में हमें न केवल सतर्क रहना होगा, बल्कि पर्यावरण की रक्षा के लिए भी कदम उठाने होंगे.
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यूपी में गर्मी का कहर जारी
ऊपर से बिजली की बदहाल व्यवस्था ने आम जनता की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. एक ओर जहां तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुँच चुका है, वहीं दूसरी ओर घंटों की बिजली कटौती ने लोगों को तड़पने पर मजबूर कर दिया है. शहरों से लेकर गांवों तक, हर जगह बिजली की आंखमिचौली जारी है. कई इलाकों में तो दिन में 6 से 8 घंटे की कटौती हो रही है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह संकट और भी गंभीर है. तेज गर्मी में न तो पंखे चल पा रहे हैं, न ही कूलर या एसी. बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक इस तपिश में बेचौन हो उठे हैं. बिजली न होने के कारण पानी की आपूर्ति भी बाधित हो रही है. घरों में मोटर नहीं चल पा रही और ट्यूबवेल ठप पड़े हैं. लोग बूंद-बूंद पानी को तरसने लगे हैं.
अस्पतालों, दुकानों और दफ्तरों में भी जनरेटर के सहारे काम चलाया जा रहा है, लेकिन हर किसी के पास यह विकल्प नहीं है. बिजली विभाग का कहना है कि मांग अचानक बहुत बढ़ गई है और उत्पादन सीमित है, इसीलिए लोड शेडिंग की जा रही है. लेकिन जनता इस तर्क से संतुष्ट नहीं है. उनका कहना है कि हर साल गर्मी आती है, तो तैयारियां पहले क्यों नहीं की जातीं. सरकार की ओर से स्थिति को जल्द सुधारने का दावा किया जा रहा है, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. ऐसे में यूपी की जनता अब सिर्फ राहत की आस लगाए बैठी है चाहे वो मौसम से हो या सिस्टम से.