पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए बंद की एयरस्पेस, इंटरनेशनल फ्लाइट्स पर क्या पड़ेगा असर?

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले के बाद पाकिस्तान ने भारत के लिए अपनी एयरस्पेस को बंद कर दिया है। इस फैसले का सीधा असर अब भारत से जाने वाली इंटरनेशनल फ्लाइट्स पर पड़ रहा है। खासकर यूरोप, अमेरिका और पश्चिम एशिया की ओर जाने वाली उड़ानों को अब पहले की तुलना में लंबा रास्ता तय करना पड़ेगा।
पाकिस्तान के इस फैसले के बाद भारत की बड़ी एयरलाइंस कंपनियों ने अल्टरनेट रूट का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। गुजरात या महाराष्ट्र की तरफ से उड़ान भरते हुए अब फ्लाइट्स को अरब सागर के रास्ते मुड़ना पड़ रहा है। इसके चलते उड़ान का औसतन समय 1 से 1.25 घंटे तक बढ़ सकता है।
पाकिस्तान की इस कार्रवाई का कारण पहलगाम में हुआ हमला बताया जा रहा है, जिसके बाद से ही भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव फिर से बढ़ता नजर आ रहा है। लेकिन इस एयरस्पेस बैन के पीछे की राजनीतिक वजहें भले ही अलग हों, मगर आम यात्री और एयरलाइंस इंडस्ट्री पर इसका असर काफी गंभीर हो सकता है।
एयरलाइंस की मौजूदा तैयारी और यात्रियों पर असर
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हालांकि यात्रियों को फिलहाल कोई खास परेशानी नहीं हो रही है। जिन यात्रियों की मौजूदा बुकिंग है, उन्हें सफर करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। लेकिन आने वाले दिनों में टिकट किराए में बढ़ोतरी की पूरी संभावना है।
एयरलाइंस कंपनियां कोड शेयरिंग फ्लाइट्स और अपने इंटरनेशनल पार्टनर्स के साथ बातचीत कर रही हैं ताकि यात्रियों को कम से कम परेशानी हो और वैकल्पिक रूट्स के जरिए यात्रा को सुचारु रखा जा सके।
क्या पहले भी ऐसा हो चुका है?
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपनी एयरस्पेस बंद की हो। इससे पहले 2019 में बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने लगभग 140 दिनों तक अपनी एयरस्पेस बंद रखी थी। उस समय भारतीय एयरलाइंस को करीब 700 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
अब एक बार फिर एयरस्पेस बंद होने से ऐसा ही नुकसान उठाने की आशंका है। भारत से अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, कतर, यूएई, और यूरोप के दूसरे देशों की ओर जाने वाली उड़ानों पर इसका सीधा असर पड़ सकता है।
किराया कितना बढ़ सकता है?
फ्लाइट्स का रूट लंबा होने और अधिक फ्यूल खर्च होने की वजह से किराए में भी बढ़ोतरी तय मानी जा रही है। अनुमान है कि आने वाले समय में अमेरिका और कनाडा जैसी लंबी दूरी की फ्लाइट्स के किराए में 35 से 40% तक की बढ़ोतरी हो सकती है। यानी यात्रियों को अपनी जेब से ज्यादा खर्च करना पड़ेगा।
हालांकि यह वृद्धि मौजूदा यात्रियों पर लागू नहीं होगी। लेकिन जो लोग आगामी सप्ताहों में टिकट बुक कर रहे हैं, उन्हें बढ़े हुए किराए का सामना करना पड़ सकता है।
सरकारी नजर और DGCA की भूमिका
सरकार इस पूरे मसले पर लगातार नजर बनाए हुए है। DGCA यानी Directorate General of Civil Aviation जल्द ही इस पूरे मामले पर एक विस्तृत रिपोर्ट सरकार को सौंप सकता है। रिपोर्ट में यह बताया जाएगा कि एयरस्पेस बंद होने का कितना प्रभाव पड़ा है और एयरलाइंस को कितना नुकसान झेलना पड़ रहा है।
इसके बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से कोई कदम उठाया जा सकता है, जिससे यात्रियों की जेब पर सीधा असर न पड़े और एयरलाइंस कंपनियों को भी राहत मिल सके।
भविष्य की रणनीति और उम्मीदें
फिलहाल एयरलाइंस कंपनियों की कोशिश यही है कि यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। लेकिन अगर एयरस्पेस बैन ज्यादा समय तक चलता है तो यह यात्रियों के साथ-साथ एयरलाइंस की आर्थिक सेहत पर भी भारी पड़ेगा।
अभी यह देखना बाकी है कि पाकिस्तान कब तक यह बैन जारी रखता है और क्या इसमें कोई ढील दी जाएगी। यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो किराए में और भी बढ़ोतरी हो सकती है।