यूपी के इस जिले में कूड़े से बनेगा चारकोल, पूरे प्रदेश को इस तरह मिलेगा लाभ

यूपी के इस जिले में कूड़े से बनेगा चारकोल, पूरे प्रदेश को इस तरह मिलेगा लाभ
Gorakhpur News

गोरखपुर नगर निगम को अब एक नई और बेहद अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है. अब शहर के कूड़े से चारकोल ;कोयला बनाया जाएगा. यह न सिर्फ एक इनोवेटिव आइडिया है. बल्कि शहर की सफाई, कचरा प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक बड़ा कदम है.

गोरखपुर नगर निगम को मिली बड़ी जिम्मेदारी

यह योजना कचरा से ऊर्जा कॉन्सेप्ट पर आधारित है. जिसमें कूड़े से चारकोल या ईंधन जैसे उपयोगी उत्पाद तैयार किए जाते हैं. इस प्रक्रिया में जैविक और ठोस अपशिष्ट को मशीनों के माध्यम से प्रोसेस करके चारकोल में बदला जाएगा. जिसका उपयोग ईंधन के तौर पर किया जा सकता है. गोरखपुर नगर निगम इस काम में नोडल एजेंसी की भूमिका निभाएगा और एक विशेष प्लांट की स्थापना की जाएगी. जिसमें रोज़ाना एक निश्चित मात्रा में कूड़ा प्रोसेस किया जाएगा. गोरखपुर नगर निगम का कहना है कि इस योजना से न केवल शहर को स्वच्छ बनाने में मदद मिलेगी. बल्कि यह एक आर्थिक रूप से लाभकारी मॉडल भी साबित होगा. निगम इस प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द लागू करने की दिशा में काम कर रहा है और राज्य सरकार से भी तकनीकी व आर्थिक सहयोग की उम्मीद है.

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सहजनवा के सुथनी में एनटीपीसी के सहयोग से निर्मित वेस्ट टू चारकोल प्लांट में गोरखपुर के आसपास के नगरपालिका और नगर पंचायतों के कूड़े-कचरे का भी इस्तेमाल होगा. वहीं, 500 टन क्षमता वाले इस प्लांट में स्टैंड बाय में रखे गए 250 टन क्षमता के तीसरे लेन का इस्तेमाल कर कुल 750 टन तक कूड़ा-कचरा का इस्तेमाल कर चारकोल बनाया जा सकेगा. इसमें से 200 टन गीला कचरा प्रस्तावित बायो सीएनजी प्लांट को एवं शेष सूखा कचरा चारकोल प्लांट को जाएगा. एनटीपीसी के चारकोल प्लांट के लगने से नगर निगम पर 25 वर्षों में आने वाले संचालन एवं अनुरक्षण के लिए टिपिंग फीस पर करीब 650 करोड़ रुपये के वित्तीय व्यय भार की बचत होगी. प्लांट से निकलने वाले चारकोल को एनटीपीसी द्वारा समय समय पर अपने पॉवर प्लांट पर शिफ्ट कर दिया जाएगा. इससे स्टोरेज के लिए अधिक भूमि की जरूरत नहीं पड़ेगी.

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प्रदेशभर के लिए बनेगा मॉडल

नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल के अनुसार सुथनी में एनटीपीसी का 500 टन प्रतिदिन की क्षमता के कचरे से चारकोल बनाने का प्लांट जल्द ही क्रियाशील हो जाएगा. इस प्लांट को कचरा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी नगर निगम की होगी. इसके साथ ही आसपास की नगरपालिका या नगर पंचायतों जैसे खलीलाबाद नगरपालिका, सहजनवा, घघसरा, उनवल, मगहर, बांसगांव आदि नगर पंचायतों से भी निकलने वाले कूड़े को प्लांट को उपलब्ध कराया जाएगा. इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट सिटी सुथनी (सहजनवा) में एनटीपीसी का 500 टन प्रतिदिन की क्षमता के कचरे से चारकोल बनाने का प्लांट जल्द ही क्रियाशील हो जाएगा.

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एनटीपीसी को चारकोल बनाने के लिए जरूरी कचरा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी नगर निगम की होगी. इसमें कोई दिक्कत भी नहीं आएगी. कारण करीब 500 टन प्रतिदिन कचरे का उत्सर्जन अकेले नगर निगम क्षेत्र में है. गोरखपुर नगर निगम की यह पहल देशभर के शहरी निकायों के लिए एक उदाहरण बन सकती है. कूड़े से चारकोल बनाने की यह योजना न केवल शहर को स्वच्छ बनाएगी. बल्कि सतत विकास की दिशा में भी एक ठोस कदम है. अगर यह मॉडल सफल होता हैए तो अन्य शहरों में भी इसे अपनाया जा सकता है.

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